Move to Jagran APP

सेल की दुआरगुईबुरू माइंस के लीज नवीकरण का रास्ता साफ

स्टील ऑथोरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) की पश्चिमी सिंहभूम के सारंडा स्थित दुआरगुईबुरू माइंस के लीज नवीकरण का रास्ता साफ हो गया है। यह मामला पिछले चार साल से अटका था। इसे लेकर सेल के अधिकारियों की वन विभाग के अफसरों के साथ हुई वार्ता में सहमति बनी। बैठक में लिए गए निर्णयों के बारे में क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक विश्वनाथ साह ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दुआरगुईबुरू माइंस की 361.295 हेक्टेयर जमीन का लीज नवीकरण कई साल से लटका हुआ था।

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Jul 2019 07:07 AM (IST)Updated: Wed, 17 Jul 2019 06:42 AM (IST)
सेल की दुआरगुईबुरू माइंस के लीज नवीकरण का रास्ता साफ
सेल की दुआरगुईबुरू माइंस के लीज नवीकरण का रास्ता साफ

मनोज सिंह, जमशेदपुर : स्टील ऑथोरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) की पश्चिमी सिंहभूम के सारंडा स्थित दुआरगुईबुरू माइंस के लीज नवीकरण का रास्ता साफ हो गया है। यह मामला पिछले चार साल से अटका था। इसे लेकर सेल के अधिकारियों की वन विभाग के अफसरों के साथ हुई वार्ता में सहमति बनी। बैठक में लिए गए निर्णयों के बारे में क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक विश्वनाथ साह ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दुआरगुईबुरू माइंस की 361.295 हेक्टेयर जमीन का लीज नवीकरण कई साल से लटका हुआ था। आज की बैठक में तय किया गया कि लीज नवीकरण के लिए कोल्हान के पांच वनक्षेत्र मे लीज की जमीन के दोगुने क्षेत्रफल में पौधरोपण करना होगा। इस जमीन के एवज में सेल को मुआवजा भी देना होगा। उन्होंने बताया कि चूंकि सारंडा क्षेत्र में आवश्यकता के अनुरूप जमीन पौधरोपण के लिए नहीं मिल रही थी, इसलिए केंद्र सरकार के नियमों के आलोक में झारखंड की सीमा के भीतर किसी भी स्थान पर पौधरोपण को जमीन देने के विकल्प पर चर्चा हुई। तय हुआ कि कोल्हान के ही पांच वन प्रमंडलों में जमीन की व्यवस्था कर सी जाएगी। अब भारत सरकार से इस प्रस्ताव पर हरी झंडी मिलते ही लीज नवीकरण का काम पूरा हो जाएगा। जमशेदपुर स्थित वन भवन में हुई बैठक की अध्यक्षता आरसीसीएफ साह ने ही की। इसमें जमशेदपुर के डीएफओ डा. अभिषेक कुमार समेत कोल्हान के पांच फारेस्ट डिवीजन के वन प्रमंडल पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

loksabha election banner

---------------------

सेल के लिए महत्वपूर्ण है दुआरगुईबुरू माइंस

दुआरगुईबुरू माइंस से ही लौह अयस्क (सेल) की आपूर्ति सेल के बोकारो, राउरकेला, दुर्गापुर, विशाखापट्नम आदि प्लांट में की जाती है। लीज नवीकरण के इंतजार में अभी माइंस से खनन का कार्य जारी है।

-------------

दुआरगुईबुरू माइंस के बदले पांच वनक्षेत्र में होगा पौधरोपण

- सारंडा फारेस्ट डिवीजन - 200 हेक्टेयर

- चाईबासा फारेस्ट डिवीजन - 200 हेक्टेयर

- कोल्हान फारेस्ट डिवीजन - 30 हेक्टेयर

- जमशेदपुर फारेस्ट डिवीजन - 80 हेक्टेयर

- सरायकेला फारेस्ट डिवीजन - 90 हेक्टेयर

-----------

361.295 हेक्टेयर पर होने वाले काम

माइंस एरिया - 212.830 हे. अतिरिक्त प्रस्तावित

उपरी मिट्टी का भंडारण - 6.060 हे.

वेस्ट डंप एरिया - 25.100 हे.

अयस्क डंप - 16.420 हे.

खनिज भंडारण यार्ड - 5.330 हे.

इंफ्रास्ट्रक्चर - 5.230 हे.

रोड - 9.980 हे.

वनरोपण क्षेत्र - 17.150 हे.

खनिज लाभकारी सयंत्र - 14.620 हे.

टेलिंग तालाब - 37.760 हे.

सेफ्टी जोन एरिया - 10.815


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.