BSNL की इंटरनेट सेवा का बंटाधार, ये है खास वजह Jamshedpur News
जेनरेटर में डीजल नहीं डालने के कारण जमशेदपुर सर्किल के सभी 250 बीटीएस में से लगभग एक चौथाई अधिकांश समय डाउन रह रहे हैं।
जमशेदपुर, विश्वजीत भट्ट। कभी आर्थिक रूप से काफी मजबूत रही देश की सबसे प्रतिष्ठित और विश्वसनीय सरकारी दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी बीएसएनएल (भारत संचार निगम लिमिटेड) की माली हालत अब बदतर हो गई है। पैसे के अभाव में मशीनों का समुचित रखरखाव नहीं कर पाने व जेनरेटर में डीजल नहीं डालने के कारण जमशेदपुर सर्किल के सभी 250 बीटीएस (बेस ट्रांसरिसीव स्टेशन) में से लगभग एक चौथाई अधिकांश समय डाउन (ठप) रह रहे हैं।
बीएसएनएल की आर्थिक तंगी का आलम यह है खर्च करने के लिए धेला भी नहीं है। जून महीने से ही यह स्थिति है। यही कारण है बीएसएनएल पर नई तकनीक, अच्छी सेवा देने को लेकर जो दबाव है उससे उबरने के सभी उपाय विफल हो रहे हैं। शहर के कंपनी इलाकों में ही बीटीएस के बिजली बिल के मद में निगम पर जुस्को के दो करोड़ रुपये का बकाया हो चुका है। ठेकेदारों का भुगतान बंद है। इसी कारण गत एक जुलाई से ही निगम के सर्किल मुख्यालय जमशेदपुर में रजिस्टर्ड सभी 26 वेंडर हड़ताल पर हैं।
बंद किए जा रहे एक्सचेंज
आर्थिक तंगी की वजह से बीएसएनएल जमशेदपुर सर्किल में 33 एक्सचेंज यह कहकर बंद कर रहा कि इनसे राजस्व नहीं आ रहा। निगम के मुख्यालय से गत 12 जून को आए पत्र के जरिए सर्किल में सभी तरह के नए कामों पर रोक लगा दी गई। समय पर किराया का भुगतान हीं होने के कारण सर्किल में भाड़े पर चल रही कुल 19 गाडिय़ों में से छह पहले ही हट चुकी हैं। पिछले 11 महीने से इन गाडिय़ों के संचालकों को एक धेला भी भुगतान नहीं हुआ है। निगम के अधिकारी ओला (कार सर्विस कंपनी) की गाड़ी से आना जाना कर रहे हैं।
ठेकेदारों का बिल बकाया
निगम के रजिस्टर्ड कुल 26 ठेकेदारों के रनिंग बिल तीन करोड़ रुपये बाकी हैं। गत तीन साल से ठेकेदारों की एक करोड़ रुपये की अग्रिम राशि भी निगम के पास पड़ी है। इतना ही नहीं ठेके के एवज में 60 से 70 लाख रुपये ठेकेदार अग्रिम जीएसटी जमा करके अपना माथा पीट रहे हैं।
आउटसोर्स मजदूरों को नहीं मिल रहा वेतन
निगम ट्रांसपोर्टेशन, हायर व्हीकल, हाउस कीपिंग और सिक्युरिटी विभागों में कार्यरत 156 आउटसोर्स मजदूरों को गत जनवरी माह से ही वेतन हीं मिल रहा। आरोप तो यहां तक है कि ठेकेदारों के पैसे से विभाग ने अपने कर्मचारियों का वेतन दे दिया है और ठेकेदार बैंकों को ब्याज दे रहे हैं। इस संबंध में जब सर्किल के महाप्रबंधक से फोन बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
आर्थिक कठिनाई का मूल कारण
बीएसएनएल की लगभग 70 फीसद आय वेतन के भुगतान में चली जाती है। कंपनी का वार्षिक घाटा 2018 में बढ़कर 7,992 करोड़ रुपये हो गया था। कंपनी को 2017 में 4,793 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
अधिकारी ये बताते वजह
बीएसएनएल की सेवा में कोई दिक्कत नहीं है। सर्किल के कुल 250 बीटीएस में कभी कभार 10-10 बीटीएस डाउन हो जाते हैं। इसलिए नेट सेवा में थोड़ी बहुत दिक्कत आ जाती है।
-विनोद कुमार, डिविजनल इंजीनियर, बीएसएनएल, जमशेदपुर सर्किल
ठेकेदार हड़ताल पर
भुगतान न होने के कारण एक जुलाई से ही जमशेदपुर सर्किल में रजिस्टर्ड सभी ठेकेदार हड़ताल पर है। जल्द भुगतान नहीं हुआ तो हम लोग कार्यालय के समक्ष आत्मदाह करने को विवश होंगे।
-बबलू झा, अध्यक्ष, जमशेदपुर वेंडर एसोसिएशन, बीएसएनएल
ये हाल है
- 33 एक्सचेंज सर्किल में बंद कर रहा निगम
- 26 वेंडरों के तीन करोड़ रनिंग बिल बाकी
- 03 साल से एक करोड़ रुपये अग्रिम राशि दबाए बैठा है विभाग
- 70 लाख अग्रिम जीएसटी का भुगतान कर माथा पीट रहे वेंडर
- 153 आउटसोर्स मजदूर मार्च से ही बिन वेतन के कर रहे काम