पूर्वी सिंहभूम का एक मात्र जिला स्कूल बना नशेड़ियों का अड्डा
कहने को यह पूर्वी सिंहभूम का एक मात्र जिला स्कूल है लेकिन दूर से स्कूल जैसा दिखता नहीं। स्कूल की चारदीवारी नहीं है। यहां नशेड़ियों का अड्डा है। अतिक्रमणकारियों ने इस स्कूल की जमीन पर घर बना लिया है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : कहने को यह पूर्वी सिंहभूम का एक मात्र जिला स्कूल है, लेकिन दूर से स्कूल जैसा दिखता नहीं। स्कूल की चारदीवारी नहीं है। यहां नशेड़ियों का अड्डा है। अतिक्रमणकारियों ने इस स्कूल की जमीन पर घर बना लिया है। दस साल से इस स्कूल की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराए जाने के लिए पत्राचार हो रहा है, पर प्रशासन भी हाथ खड़ा कर चुका है।
यह है बिरसानगर स्थित राजकीय उच्च विद्यालय। हर रोज यहां शराबी स्कूल बंद होने का इंतजार करते हैं। स्कूल बंद होते ही यहां नशेड़ियों का अड्डा लग जाता है। सुबह जब विद्यालय खुलता है तो विद्यालय के शिक्षक व कर्मचारी खाली शराब की बोतलों को फेंकते हैं।
स्कूल की जमीन पर गोदाम बना दिया गया है। यहां एक चापाकल से प्यास बुझती है। यह चापाकल ओपेन टू ऑल है। 1989 में स्थापित स्कूल की अपनी जमीन है लेकिन चहारदीवारी नहीं है। भवन नहीं बनने के कारण दो कमरों में छात्र किसी तरह पढ़ाई करते हैं। दोपहर दो बजे स्कूल बंद होते ही यहा शराबियों का अड्डा जम जाता है। शाम होते ही स्कूल के मैदान पर बाजार लग जाता है। इस स्कूल में लगभग 220 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं।
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छह साल बाद प्रारंभ हो पाया भवन निर्माण कार्य
जिला स्कूल बिरसानगर में मात्र तीन कमरें में कक्षाएं संचालित होती हैं। यहां अतिरिक्त चार कमरों का भवन निर्माण की स्वीकृति वर्ष 2013 में हुई थी। उस वक्त इसके लिए 25 लाख रुपये आवंटित किए गए थे। अतिक्रमणकारियों ने यहां भवन नहीं बनने दिया। किसी तरह यहां भवन निर्माण कार्य जून माह में प्रारंभ हो पाया है। यह विडंबना ही है कि प्रशासन क्षेत्र में लगातार अतिक्रमण हटवा रहा है। जिला स्कूल की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने की ओर प्रशासन द्वारा विशेष कदम नहीं उठाया नहीं जा रहा है।