हरीश सिंह, पंकज दुबे समेत 26 बंदी दूसरे जेल में होंगे शिफ्ट
घाघीडीह सेंट्रल जेल में 25 जून को लाठी-डंडे से पीट-पीटकर कैदी मनोज कुमार सिंह की हत्या करने के बाद जेल में शांति व्यवस्था बनाए रखने को बंदी हरीश सिंह पंकज दुबे समेत 26 कैदियों को प्रदेश के दूसरे जेलों में एक सप्ताह के भीतर शिफ्ट किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : घाघीडीह सेंट्रल जेल में 25 जून को लाठी-डंडे से पीट-पीटकर कैदी मनोज कुमार सिंह की हत्या करने के बाद जेल में शांति व्यवस्था बनाए रखने को बंदी हरीश सिंह, पंकज दुबे समेत 26 कैदियों को प्रदेश के दूसरे जेलों में एक सप्ताह के भीतर शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए विभागीय प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। वहीं मनोज की हत्या के मामले में चार कक्षपाल समेत 26 नामजद बंदियों को रिमांड पर लेने के लिए परसुडीह थाने की पुलिस ने विभागीय प्रक्रिया तेज कर दी है। आरोपितों के खिलाफ जेल अधीक्षक सत्येंद्र चौधरी ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। बता दें कि घटना के दिन गैंगस्टर अखिलेश सिंह और पंकज दुबे के गुर्गो के बीच जेल के भीतर स्थित टेलीफोन बूथ पर बातचीत करने को लेकर हुए विवाद हो गया था। इसी विवाद में कैदियों में भिडंत हो गई थी। हिसक घटना के बाद पगली घंटी में लाठी-डंडे से जेल कर्मियों और सजायाफ्ता बंदियों ने मनोज कुमार सिंह की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। सुमित सिंह समेत सात बंदी घटना में घायल हो गए थे।
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ये बंदी किए जाएंगे दूसरे जेल में शिफ्ट
विचाराधीन बंदी हरिश सिंह, ऋषि लोहार, अविनाश श्रीवास्तव, सोनू लाल, सुमित सिंह, अजीत दास, तौकिर, सौरभ सिंह, शोएब अख्तर उर्फ शिबू और सजायाफ्ता वासुदेव महतो, रामेश्वर अंगारिया, गंगा खडैत, अरुण कुमार बोस, रमाय करुवा, जानी अंसारी, अजय मल्लाह, गोपाल तिरिया, पिंकू पूर्ति, श्यामू जोजो, संजय दिग्गी, रामराय सुरीन, शिवशंकर पासवान, शरत गोप समेत चार अन्य।
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मनोज सिंह के पिता ने मांगी मुआवजा और नौकरी
मनोज सिंह के पिता अनुरोध सिंह ने 20 लाख मुआवजा और नौकरी देने की मांग पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों से की है। गुरुवार को मनोज सिंह के पिता ने एसएसपी अनूप बिरथरे से मुलाकात की। कहा कि पुत्र की मौत के लिए जेलर ही अधिक दोषी हैं। कार्रवाई हो। केवल जांच ही हो रही है। गंभीर मामले को लटकाया नही जाए। साजिश के तहत पुत्र की हत्या पीट-पीटकर कर दी गई। कहा कि पुत्र की मौत से पूरे परिवार का बोझ उनके कंधे पर आ गया है। मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए ताकि परिवार का भरण-पोषण हो सके।