बागबेड़ा में जलसंकट, उपायुक्त से मिले पार्षद-मुखिया
बागबेड़ा क्षेत्र में भारी जलसंकट है। कंपनियों के टैंकर से 17 पंचायत के करीब डेढ़ लाख लोग प्यास बुझा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : बागबेड़ा क्षेत्र में भारी जलसंकट है। कंपनियों के टैंकर से 17 पंचायत के करीब डेढ़ लाख लोग प्यास बुझा रहे हैं। दूसरी ओर बागबेड़ा वृहद ग्रामीण जलापूर्ति योजना पूरा होने का नाम नहीं ले रही है। यही दुखड़ा बुधवार को बागबेड़ा क्षेत्र के पार्षद-मुखिया ने उपायुक्त को सुनाया। बागबेड़ा, कीताडीह, घाघीडीह व करनडीह क्षेत्र के 17 पंचायत के प्रतिनिधि मुखिया व ग्राम प्रधान ने उपायुक्त रविशकर शुक्ला से जलापूर्ति योजना को पूर्ण कराने का निवेदन किया। जिला पार्षद किशोर यादव ने बताया कि उनके क्षेत्र में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से विश्व बैंक के सहयोग से बागबेड़ा वृहत ग्रामीण जलापूर्ति योजना प्रारंभ किया गया था, जो लगभग 80 प्रतिशत पूर्ण हो गया है। उपायुक्त ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया कि जिला प्रशासन की प्रतिबद्धता लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने की है। जिला प्रशासन इस महत्वाकाक्षी योजना को लोगों के सहयोग व समर्थन से पूरा करने का प्रयास करेगा। इसमें जो समस्या आ रही है, उसके निष्पादन के लिए जिला प्रशासन पूरी ईमानदारी से कार्य करेगा। उपायुक्त ने प्रतिनिधिमंडल को कहा कि विश्व बैंक की टीम जब योजना की जाच हेतु आएगी तब आप उन्हें अपने विचारों से जरूर अवगत कराएं, ताकि टीम को सही-गलत का पता चले और वह इस योजना के संबंध में बेहतर निर्णय ले सके। ज्ञात हो कि रेलवे द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत नहीं करने के कारण बागबेड़ा वृहद ग्रामीण जलापूर्ति योजना के निर्माण में आ रही परेशानियों को स्वत: संज्ञान में लेते हुए पिछले दिनों मुख्यमंत्री रघुवर दास ने केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात कर रेलवे द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत करने का आग्रह किया था। केंद्रीय रेल मंत्री ने मुख्यमंत्री रघुवर दास के आग्रह पर बागबेड़ा जलापूर्ति योजना हेतु रेलवे के वरीय पदाधिकारियों को अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत करने का निर्देश दिया था। इससे बागबेड़ा वृहद ग्रामीण जलापूर्ति योजना के महत्व को समझा जा सकता है।