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सरकारी व निजी अस्पतालों में ओपीडी ठप, डॉक्‍टरों ने निकाला जुलूस

पूर्वी सिंहभूम जिले के सभी सरकारी व निजी अस्पतालों के ओपीडी बंद रहे। सिर्फ इमरजेंसी सेवा ही बहाल रही।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Mon, 17 Jun 2019 02:19 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jun 2019 06:53 PM (IST)
सरकारी व निजी अस्पतालों में ओपीडी ठप, डॉक्‍टरों ने निकाला जुलूस
सरकारी व निजी अस्पतालों में ओपीडी ठप, डॉक्‍टरों ने निकाला जुलूस

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। कोलकाता के एनआरएसएनसीएच मेडिकल कॉलेज में 85 वर्षीय एक बुजुर्ग की मौत के बाद डॉक्टरों के साथ की गई मारपीट की घटना के विरोध में सोमवार को  पूर्वी सिंहभूम जिले के सभी सरकारी व निजी अस्पतालों के ओपीडी बंद रहे। सिर्फ इमरजेंसी सेवा ही बहाल रही।इस दौरान इलाज के लिए ओपीडी पहुंचे मरीज व उनके परिजन काफी परेशान हुए। उन्हें बिना इलाज कराए ही वापस लौटना पड़ा।

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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सचिव डॉ. मृत्युंजय सिंह ने कहा कि पश्चिम बंगाल में हुई घटना दुखद है। जब चिकित्सक खुद ही सुरक्षित नहीं है तो वह इलाज क्या करेंगे। इसे देखते हुए पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल, टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच), टाटा मोटर्स, मेडिका सहित सभी बड़े-छोटे अस्पतालों के ओपीडी बंद रहे। चिकित्सकों ने सोमवार सुबह छह बजे से अगले दिन सुबह छह बजे तक सभी ओपीडी बंद रखने का निर्णय लिया है।

सुबह एमजीएम अस्पताल में विरोध-प्रदर्शन किया गया। इसके बाद जूनियर डॉक्टरों ने उपायुक्त कार्यालय तक एक रैली निकाली। कोलकाता स्थित एनआरएसएनसीएच मेडिकल कॉलेज व बीएमसी मेडिकल कॉलेज में दो जूनियर डॉक्टरों पर जानलेवा हमला किया गया है। बीएमसी मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में वहां के लोगों द्वारा बिजली, पानी का भी कनेक्शन काटा जा रहा है। एनआरएसएनसीएच मेडिकल कॉलेज में 85 वर्षीय एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी। जिसके बाद परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उनके साथ मारपीट किया गया। इसके पूर्व रविवार को डॉक्टरों के हड़ताल को लेकर रविवार को एमजीएम कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एसी अखौरी ने एक बैठक बुलाई थी। प्रिंसिपल ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि मरीजों को परेशानी न हो, इसका ध्यान भी रखने का निर्देश दिया था। इसके लिए सभी विभागाध्यक्षों को अलर्ट किया गया था।

इस वजह से सोमवार को इमरजेंसी सेवा चालू रखी गई। जिस विभाग से संबंधित गंभीर रोगी आए उन्हें इलाज उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई। इमरजेंसी विभाग में डॉक्टरों की तैनाती व अधिक से अधिक दवाएं रखने का निर्देश दिया गया है।

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