हृदयाघात से आठ-10 फीसद लोगों की होती है मौत
death from Heart attack. हृदयाघात से प्रतिवर्ष आठ से 10 फीसद लोगों की मौत होती है।
जासं, जमशेदपुर : हृदयाघात से प्रतिवर्ष आठ से 10 फीसद लोगों की मौत होती है। इसका प्रमुख कारण खानपान की गड़बड़ी, रहन-सहन, व्यस्त-जीवन, रक्तचाप का बढ़ना आदि है। इससे बचने के लिए लोगों को अपनी जीवन शैली में सुधार करना होगा तो खान-पान व रहन-सहन पर भी ध्यान देना होगा। खाने में तेलीय पदार्थो से परहेज, नियमित व्यायाम, मेडिकल चेकअप आदि से बहुत हद तक इससे बचा जा सकता है। एक आंकड़े के मुताबिक 50 साल से ज्यादा उम्र वाले व्यक्तियों को हार्टअटैक ज्यादा आता है। रविवार को टाटा मोटर्स मेडिकल सोसाइटी के 45वें वार्षिक अधिवेशन के समापन पर बतौर अतिथि शिक्षक के तौर पर उपस्थित कोलकाता से हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. देवाशीष घोष ने हृदय रोग से बचने के उपाय पर प्रकाश डाला।
बताया कि जीवन शैली में बदलाव कर बहुत हद तक इससे बचा जा सकता है। एम्स न्यू दिल्ली के डॉ. गोविंद मखारिया ने अल्कोहल के सेवन के बगैर लीवर खराब होने विषय पर अद्यतन जानकारी दी। टाटा मोटर्स अस्पताल के मेडिसिन प्रमुख डॉ. एसएल श्रीवास्तव ने खून पतला करने के उपायों पर प्रकाश डाला। बताया कि कैसे खून जम जाता है, वह धब्बा बनता है इसे कैसे पतला किया जा सकता है ताकि हृदयाघात से निपटा जा सके। डॉ. सोमनाथ घोष ने मेडिकल सोसायटी के कार्यो व उपलब्धियों पर विस्तृत रिपोर्ट पेश की। वहीं टाटा मोटर्स अस्पताल के प्रमुख मेडिकल सर्विसेज डॉ. संजय कुमार ने अस्पताल के कार्यो व यहां उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी दी।
अस्पताल में लगी अत्याधुनिक मशीनें व उसके रोगियों के बेहतर उपचार के बारें में बताया। उन्होंने अत्याधुनिक तरीके से दूरबीन के जरिए होने वाले ऑपरेशन पर प्रकाश डाला। कांफ्रेंस में हृदय, लीवर, किडनी, मधुमेह, रक्तचाप, हड्डी दर्द आदि बीमारी के कारण व उसके निदान पर व्याख्यान दिया गया। कोलकता फोर्टिज अस्पताल के अशोक धर, बीएम बिरला कोलकता के डा. सुजीत कुमार राय आदि चिकित्सकों ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए।