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जमशेदपुर शहर में भी हलाला के खिलाफ उठ खड़ी हुई महिलाएं

हलाला के खिलाफ जमशेदपुर की मुस्लिम महिलाओं ने भी आवाज उठाने का साहस दिखाया है। कई महिलाओं ने अपनी राय जाहिर की है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Jul 2018 01:00 PM (IST)Updated: Wed, 18 Jul 2018 01:00 PM (IST)
जमशेदपुर शहर में भी हलाला के खिलाफ उठ खड़ी हुई महिलाएं
जमशेदपुर शहर में भी हलाला के खिलाफ उठ खड़ी हुई महिलाएं

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : हलाला के खिलाफ देश में आवाज उठने लगी है। महिलाओं ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है। बरेली में हलाला के नाम पर एक महिला के साथ जो घिनौना खेल हुआ है उसकी हर तरफ निंदा ही की जा रही है। इस घटना से महिलाएं नाराज हैं। महिलाओं का कहना है कि अब इस परंपरा को खत्म होना चाहिए। इस परंपरा की आड़ में महिलाओं का खूब शेषण हुआ है। हलाला को एक सम्मानित समाज कैसे बर्दाश्त कर सकता है। बरेली में जिस तरह हलाला की घटना हुई उससे कट्टरपंथियों की पोल खुल गई है। साफ हो गया है कि महिलाओं को सिर्फ उपभोग की वस्तु समझा जाता है।

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आसमा खातून, समाजसेवी जवाहर नगर ने कहा कि तीन तलाक के नाम पर महिलाओं का खूब शोषण हुआ है। अब इस परंपरा को बंद होना चाहिए। ये गलत परंपरा है। हम मुस्लिम महिलाएं इसका विरोध करती हैं। इस परंपरा को बंद करें। खुदा के वास्ते हम महिलाओं को सरकार न्याय दे। बरेली में मुकदमा दर्ज करने वाले पुलिस अधिकारी का हम सब महिलाएं शुक्रिया अदा करती हैं कि उसने ऐसा करने वालों पर केस किया।

फातिमा शाहीन, समाजसेवी, सहारा सिटी अपार्टमेंट एनएच 33 जमशेदपुर ने कहा कि हलाला के नाम पर बरेली में जो कुछ हुआ वो ठीक नहीं है। अब तक उलमा कुरआन के नाम पर महिलाओं को बेवकूफ बनाते थे। लेकिन, महिलाएं पढ़ लिख गई हैं। अब ऐसा नहीं चलेगा। तीन तलाक बंद हुआ अब हलाला भी बंद होना चाहिए। हलाला करने वालों को सजा मिले।

सलमा खातून, समाजसेवी, मानगो क्षेत्र ने कहा कि हलाला बेहद खराब रिवाज है। ये शरीयत का कानून हरगिज नहीं हो सकता। हम सब इसका विरोध करती हैं। उलेमा को भी हालात को समझना होगा। हलाला के खिलाफ महिलाएं उठ रही हैं। इसमें महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है। अब सरकार को चाहिए कि वो हलाला करने वालों को जेल भेजे। तभी इसमें सुधार होगा।

मानगो क्षेत्र की समाजसेवी ताहिरा खातून ने कहा कि शरीयत की आड़ में महिलाओं पर जुल्म हो रहा है। अब ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। हम महिलाएं अपने अधिकार के लिए लड़ाई लड़ेंगी। अब किसी ने हलाला किया तो उसके खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी। तीन तलाक और हलाला दोनों का इस्लाम में कोई स्थान नहीं है। इसके बाद भी लोग शरीयत का उल्लंघन करते हुए हलाला जैसी गंदी परंपरा लागू किए हुए हैं जो बेहद गलत है।


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