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फर्जी बिल काट 90 हजार हड़पने के मामले की जांच करेंगे अधीक्षण अभियंता

जमशेदपुर में फर्जी बिल मामले में जांच कराने का निर्णय अधीक्षण अभियंता ने लिया है।

By Edited By: Published: Wed, 25 Apr 2018 12:19 PM (IST)Updated: Wed, 25 Apr 2018 05:21 PM (IST)
फर्जी बिल काट 90 हजार हड़पने के मामले की जांच करेंगे अधीक्षण अभियंता
फर्जी बिल काट 90 हजार हड़पने के मामले की जांच करेंगे अधीक्षण अभियंता
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) के मानगो स्थित एसडीओ दफ्तर में पुरानी गायब रसीद के जरिए बिजली का बिल काट कर 90 हजार रुपये हड़पने के मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश हो गए हैं। ऊर्जा विभाग के सचिव डा. नितिन मदन कुलकर्णी के आदेश पर अब अधीक्षण अभियंता मनमोहन कुमार इस मामले की जांच करेंगे। अधीक्षण अभियंता ने जेबीवीएनएल के मानगो एसडीओ इमरान मुर्तजा से पूरे मामले की फाइल मांग ली है। माना जा रहा है कि इस मामले में अब विभाग के कई क्लर्क भी लपेटे में आ सकते हैं। मानगो के गंगा नर्सिग होम का बिजली का बिल 90 हजार 26 रुपये का था। नर्सिग होम प्रबंधन का दावा है कि उसने पिछले साल नवंबर में मानगो के शंकोसाई स्थित बिजली विभाग के दफ्तर जाकर काउंटर पर बिल कटाया। लेकिन, अभी तक ये रकम उनके बिल से नहीं कम की गई। इस पर उन्होंने मामले की शिकायत कार्यपालक अभियंता प्रदीप कुमार विश्वकर्मा से की। इसके बाद ये घपला सामने आया। मामले में उलीडीह थाने में संविदा पर तैनात रही एक महिला क्लर्क और गंगा नर्सिग होम प्रबंधन के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई है। मामले में अब तक पुलिस किसी को पकड़ नहीं पाई है। वो इस मामले में अब तक जीरो है। विभागीय जांच में भी अब तक कुछ नहीं पता चल सका है। इस पर ऊर्जा सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने मामले की जांच कर रिपोर्ट तलब की है। जिस रसीद से 90 हजार रुपये का बिजली का बिल काटा गया था वो 2016 की है। इसकी 84 खाली रसीदों में से एक को इस घपले के लिए इस्तेमाल किया गया है। मामला सामने आने के बाद झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के अधिकारियों के होश उड़ गए हैं। माना जा रहा है कि ये घपला बहुत बड़ा है। अब तक की विभागीय जांच में पता चला है कि 2016 की जिस रसीद से ये घपला किया गया है वो गायब है। जानकारों का कहना है कि 2016 की क्रमांक 76200 से 76316 तक की 84 रसीदें खाली थीं। एक रसीद में तीन रसीदें के हिसाब से 252 रसीदें गायब हैं। इनमें से अगर सभी रसीदें कट गई हैं तो ये घपला एक से डेढ़ करोड़ के आसपास का हो सकता है। इसलिए मामले की गहन छानबीन होनी चाहिए। ---------------------- कोट ये गंभीर मामला है। अब इस मामले की जांच अधीक्षण अभियंता मनमोहन कुमार करेंगे। जल्द ही इस मामले के सूत्रधार का पता चल जाएगा। प्रदीप विश्वकर्मा, कार्यपालक अभियंता जेबीवीएनएल

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