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रोजगार के लिए कर्नाटक गए 17 युवकों को बनाया बंधक

पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला और मुसाबनी प्रखंड के करीब 17 युवकों को कर्नाटक के कोयना गांव बंधक बनाया लिया गया है। सभी युवकों को रोजगार का प्रलोभन देकर ले गए एक दलाल ने भेजा है। जहां कंपनी ने सभी को जबरन बंधक बना कर रखा है। सभी युवक मुसाबनी प्रखंड के बड़ाघाट एवं घाटशिला प्रखंड के जोजोगोड़ा गांव के निवासी हैं..

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 07:10 AM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 07:10 AM (IST)
रोजगार के लिए कर्नाटक गए 17 युवकों को बनाया बंधक
रोजगार के लिए कर्नाटक गए 17 युवकों को बनाया बंधक

संसू, गालूडीह : पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला और मुसाबनी प्रखंड के करीब 17 युवकों को कर्नाटक के कोयना गांव बंधक बनाया लिया गया है। सभी युवकों को रोजगार का प्रलोभन देकर ले गए एक दलाल ने भेजा है। जहां कंपनी ने सभी को जबरन बंधक बना कर रखा है। सभी युवक मुसाबनी प्रखंड के बड़ाघाट एवं घाटशिला प्रखंड के जोजोगोड़ा गांव के निवासी हैं। युवकों को जबरन बंधक बनाए जाने की सूचना पर आक्रोशित परिवारवालों ने गुरुवार की सुबह गालूडीह हाटचाली निवासी एजेंट मुन्नालाल मोहरी के घर का घेराव किया। घंटों हंगामा चला। इधर, युवकों के परिवारवालों के आने की सूचना पर एजेंट मोती लाल और रंजीत मोहरी घर में ताला जड़ कर परिवार समेत फरार हो गया। वहीं घटना की जानकारी पर गालूडीह थाना प्रभारी विकास जायसवाल मौके पर पहुंचे और जानकारी ली। उन्होंने एजेंट के खिलाफ कार्रवाई करने का भरोसा दिया। कंपनी ने बच्चों को बंधक बनाकर रखा : अभिभावकों ने पुलिस को बताया कि पिछले तीन महीने पहले अशोका कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम दिलाने के नाम पर 17 युवकों को एजेंट मोतीलाल एवं उसका बेटा रंजीत मोहरी कर्नाटक के कोयना ले गया था। उस दौरान कहा था कि प्रति माह 10 हजार रुपये मिलेंगे लेकिन अबतक एक रुपये का भी भुगतान नहीं किया गया है। जब बच्चों घर वापस आने की बात की तो हम सभी ने उनके खाते में 2000 हजार रुपये डाले। जब सभी घर लौटने के लिए कोयना स्टेशन पहुंचे तो मोती लाल मोहरी कंपनी के लोगों के साथ स्टेशन पहुंच गया और मारपीट करते हुए पैसा और आधार कार्ड छीन लिया। इसके बाद जबरन कंपनी में ले जाकर बंधक बना लिया। बच्चों से डरा धमकाकर काम कराया जा रहा है, पैसा भी नहीं दिया जा रहा है। बंधक बनाए जाने की आरोप गलत :

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कर्नाटक के कोयना में 17 युवकों को बंधक बना कर जबरन कार्य करने का जो आरोप अभिभावकों ने लगाया है इस पर एजेंट रंजीत मोहरी एवं मोतीलाल ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पूरी तरह गलत है। रंजीत ने कहा सभी युवक अपना मर्जी से कोयना में नवंबर में काम करने गया है। जनवरी में भुगतान होना था पर कुछ युवक द्वारा कंपनी के सुपरवाइजर के साथ मारपीट करने के कारण भुगतान में देरी हुआ। अभिभावक चाहे तो मामले की जानकारी कोयना में जाकर ले सकते है। रोजगार देने के लिए युवकों को जबरन रोकना गंभीर मामला है। युवकों को वापस लाने के लिए श्रम विभाग को लिखित दिया है। कोयना थाना पुलिस से भी मदद के लिए आग्रह किया गया। युवकों को वापस लाने का प्रयास किया जा रहा।

- विकास कुमार जायसवाल, थाना प्रभारी, गालूडीह।


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