बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी थे अटल जी : डॉ. रमेश शरण
हजारीबाग : विनोबा भावे विश्वविद्यालय में शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर
हजारीबाग : विनोबा भावे विश्वविद्यालय में शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर शोकसभा का आयोजन किया गया। विवेकानंद सभागार में आयोजित शोकसभा में संवेदना प्रकट करते हुए कुलपति डॉ. रमेश शरण ने कहा कि स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को उन्हें देखने और सुनने का अवसर प्राप्त हुआ है। उनकी भषण देने की कला अदभुत थी। वे देश के बाहर भी देशहित को सर्वोपरि रखते थे। विरोधियों के साथ संयमित व्यवहार करते हुए व्यक्तिगत आक्षेप से दूर रहते थे। उनकी कविता से भी देशहित की संदेश निकलता था। स्व. वाजपेयी के निधन से राश्ट को गहरीक्षति पहुंची है। अटल जी का दैहिक अवसान हुआ है, लेकिन उनकी आत्मा जनमानस में जीवित है।
शोक सभा का संचालन करते हुए कुलसचिव डॉ. बंशीधर रूखैयार ने कहा कि संसदीय राजनीति के शिखर पुरूश के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी सािपित है। अपने छोटे से छोटे कार्यकर्ताओं के लिए भी उनकी ¨चता हमेशा बनी रहती थी।
शोक सभा में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के चित्र पर पुश्पांजलि कर श्रद्धांजलि दी गयी। मौके पर प्रतिकुलपति डॉ. कुनूल कंदीर, प्रोक्टर डॉ. सुबोध कुमार सिन्हा, डॉ. गंगानंद झा, डॉ. प्रदीप प्रधान, डॉ. विजय कुमार सिन्हा, प्रो. जयदीप सान्याल, एके ध्र, रविकांत गांगुली समेत विवि के पदाधिकारी शिक्षकगण एवं शिक्षकेतर उपस्थित थे। स्व. अटल जी के सम्मान में दो मिनट का मौन रखकर आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई।