महंगाई के कारण दोहरी मार झेल रहे हैं लोग
जासं हजारीबाग वैश्विक महामारी कोरोना के कारण देशभर में लागू चौथे चरण का लॉकडाउन अब
जासं, हजारीबाग: वैश्विक महामारी कोरोना के कारण देशभर में लागू चौथे चरण का लॉकडाउन अब खत्म हो गया है। धीरे-धीरे आम लोगों की जिंदगी फिर से पटरी पर लौट रही है। लेकिन इस बीच काम बंद होने के कारण बाहर से आए प्रवासी मजदूरों व लॉकडाउन के दौरान बेरोजगार बैठे लोगों के लोगों के माथे पर महंगाई ने चिंता की लकीरें खींच दी है। इस लॉकडाउन के दौरान बाजार में रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाले दाल-चीनी, चावल आदि की कीमतों में तीन रुपये से लेकर पंद्रह रुपये प्रतिकिलो तक की वृद्धि हुई है। ऐसे में एक ओर जहां लोगों की आय घटी है। वहीं, लोगों पर महंगाई की मार भी पड़ रही है। जिससे लोग हलकान हैं। जानकारों के मुताबिक इसकी मुख्य वजह मांग में बेतहाशा वृद्धि और सप्लाई में आ रही परेशानियों के कारण हुई है।
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वस्तुएं (प्रति किलो या लीटर) पूर्व की कीमत वर्तमान कीमत
आटा 22 रुपये 25 रुपये
आटा आशीर्वाद (पांच किलो) 130 रुपये 170 रुपये
चावल (अरवा) 32 रुपये 35 रुपये
चालव (कतरनी) 38 रुपये 40 रुपये
चावल (नफीस) 75 रुपये 95 रुपये
दाल 60 रुपये 70 रुपये
तेल (कृष्णा) 92 रुपये 110 रुपये
रिफाइन 95 रुपये 110 रुपये
चायपत्ती 103 रुपये 110 रुपये
चीनी 38 रुपये 40 रुपये
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आम लोगों की प्रतिक्रिया...
लॉकडाउन से त्रस्त लोग अब महंगाई से जूझ रहे हैं। ऐसे में सरकार को चाहिए कि मूल्य पर नियंत्रण करें। संक्रमण काल में जमाखोरों पर लगाम लगाना जरूरी है।
1. फोटो - 34 - हीरा राम
महानगरों से लौटे प्रवासी लोगों की समस्या कीमतों में वृद्धि होने से और बढ़ गई है। पिछले एक माह में जरूरत के कई सामानों की कीमत बढ़ी है। ऐसे में लोगों के लिए गुजारा करना मुश्किल है।
2. फोटो - 38 - मो. सदरूद्दीन रिजवी
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लॉकडाउन के शुरूआती चरण में कुछ मूल्य बढे़ थे। लेकिन एक माह से इसमें गिरावट आई है। अधिकांश सामग्रियों के दाम में गिरावट आई है। वैसे तेल उत्पादन में आवश्यक बढ़ोत्तरी हुई है। जिन ब्रांड की कमी हुई थी वह भी अब पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।
फोटो - 43 - ओम प्रकाश अग्रवाल
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