कजरी गांव की संथाली महिलाओं ने उतारा कॉटन का नया ब्रांड
कजरी गांव से जुड़े होने के कारण यहां तैयार सूती वस्त्रों के उत्पाद को कजरी कॉटन नाम दिया गया है। कपड़ों के शोख रंग ऐसे कि मन मचल जाए।
हजारीबाग, विकास कुमार। झारखंड के हजारीबाग जिले का कजरी गांव अब अपने कजरी कॉटन के लिए पहचान बना रहा है। गांव की अति पिछड़ी संथाली आदिवासी महिलाओं द्वारा तैयार सूती उत्पाद अब ब्रांड का रूप लेकर ई-मार्केटिंग साइट्स पर पहुंचने जा रहा है।
अति उग्रवाद प्रभावित कजरी गांव की इन आदिवासी महिलाओं के यहां तक पहुंचने में जिला प्रशासन ने भी भरपूर सहयोग किया। कजरी गांव से जुड़े होने के कारण यहां तैयार सूती वस्त्रों के उत्पाद को कजरी कॉटन नाम दिया गया है। कपड़ों के शोख रंग ऐसे कि मन मचल जाए। सूत बनाने से लेकर करघा पर महिलाओं की नायाब कारीगरी, कपड़े तैयार होने का नजारा भी कम दिलचस्प नहीं। रंग-बिरंगे सूत देखते-देखते साड़ी, शॉल, चादर, लुंगी, धोती, गमछा जैसे अनेक रूप ले लेते हैं। गांव में कहीं भी यह नजारा दिख जाएगा। गांव की संथाली महिलाओं के समूह द्वारा इसे तैयार किया जाता है।
कजरी गांव से जुड़े होने के कारण यहां तैयार सूती वस्त्रों के उत्पाद को कजरी कॉटन नाम दिया गया है। कपड़ों के शोख रंग ऐसे कि मन मचल जाए।
यहां की महिलाएं सूती कपड़ों के निर्माण का काम तो लंबे समय से कर रही थीं मगर पहचान अब जाकर मिली है। कॉटन से इनके जुड़ाव को देखते हुए प्रशासन इन्हें ऋण, बुनियादी सुविधाएं, बाजार, प्रशिक्षण आदि उपलब्ध करा रहा है। नतीजा है कि महिलाओं के अरमानों को पर लग गए हैं। उपायुक्त रविशंकर शुक्ला बताते हैं कि ऑनलाइन बाजार उपलब्ध हो जाने के साथ ही अर्बन हाट में कियोस्क उपलब्ध कराया जाएगा। ऑनलाइन मार्केटिंग साइट अमेजन से बातचीत हो चुकी है। कजरी कॉटन से जुड़ी सुनीता लकड़ा, आशा हेम्ब्रोम, सबीना हेम्ब्रोम, सुरेश मुर्मू व ट्रेनर अमरनाथ पाल आदि ने बताया कि जल्द ही अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ा कर बाजार की जरूरतों के मुताबिक आपूर्ति करेंगे।
कजरी की बदली सूरत
जंगल और पहाड़ों से घिरा कजरी गांव कभी अतिउग्रवाद प्रभावित क्षेत्र था। शाम होते ही लोग घरों से निकलने की नहीं सोचते थे। करीब का मयूरनचवा जंगल नक्सलियों का गढ़ हुआ करता था। पुलिस-प्रशासन के प्रयास से गांव की स्थिति अब बदल चुकी है। शांति आई तो गांव में तरक्की के रास्ते खुलने लगे। संथाली महिलाओं का इसमें अहम योगदान रहा है।