तुम्हारे पिता की सर्वि¨सग कर दी है, लाश उठाकर ले जाओ
कटकमसांडी : गुरुवार की देर रात शाहपुर पंचायत के दुधमटिया जंगल में उग्रवादी संगठन (तृतीय सम्मेलन प्रस
कटकमसांडी : गुरुवार की देर रात शाहपुर पंचायत के दुधमटिया जंगल में उग्रवादी संगठन (तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी) टीएसपीसी के दस्ते ने 55 वर्षीय कैलाश राणा (पिता स्व. विशुन राणा) कीलाठी से पीट-पीटकर हत्या कर दी। घटना को अंजाम देने के बाद उग्रवादियों ने कैलाश राणा के ही मोबाइल से घटना की जानकारी उनके पुत्र रौनी राणा को रात में ही दे दी। फोन पर कहा तुम्हारे पिता की सर्वि¨सग कर दी है। लाश उठाकर ले जाओ। उग्रवादी साथ में मृतक की मोटरसाइकिल व मोबाइल भी लेकर चले गए।
इसके बाद रात में ही परिजन ग्रामीणों को लेकर घटनास्थल पहुंचे, जहां कैलाश राणा को मृत पाया गया। रात में ही शव को लेकर लोग कटकमसांडी थाना पहुंचे। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंचकर देखा तो वहां खून के धब्बे थे। सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। जानकारी के मुताबिक डाटो गांव निवासी कैलाश राणा गुरुवार को करीब चार बजे लकड़ी लाने दुधमटिया जाने के लिए घर से निकला था। वह फर्नीचर बनाने का काम करता था। बताया गया कि कैलाश राणा ने शाहपुर निवासी बिरजू साव से लकड़ी खरीदी थी, जिसे वह दुधमटिया जंगल से लाने गया था। साथ में कुछ मजदूर भी थे। ऐन वक्त पर टीएसपीसी सुप्रीमो प्रशांतजी अपने आठ-दस हथियार बंद दस्ते के साथ आ धमका और मजदूरों के साथ मारपीट करने लगा। कैलाश राणा मजदूरों के बचाव में जैसे ही आगे आया तो उग्रवादी मजदूरों को छोड़ कैलाश राणा पर टूट पड़े और कुल्हाड़ी व लाठी डंडे से बेरहमी से पीट-पीटकर घटना स्थल पर ही हत्या कर दी। इसके बाद कैलाश के मोबाइल से उसके पुत्र रौनी राणा को जानकारी दी। सिर के आगे व पीछे टांगी से वार का निशान हैं।
------------ पिटाई के बाद जेब में डाल दिया नंबर
उग्रवादी संगठन पूरी तरह बैखौफ हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कैलाश राणा की मौत के बाद पहले तो उसके मोबाइल पर घरवालों को सूचना दी, फिर कैलाश की जेब में लिखकर दो नंबर भी डाल दिए। इन दो नंबरों के अलावा प्रशांत का नाम भी लिखा है। घटना के पीछे के कारण क्या रहे हैं इसकी तलाश की जा रही है। चतरा में इसी उग्रवादी संगठन के दस्ते ने ऐसी घटना को अंजाम दिया है। जल्द ही दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा
- मयूर पटेल, एसपी हजारीबाग