मध्यस्थता का मतलब मतभेद दूर करना : सचिव
संसू हजारीबाग मध्यस्थता दो पक्षों के बीच होती है। मध्यस्था का मतलब दो पक्षों के विवादों को स
संसू, हजारीबाग : मध्यस्थता दो पक्षों के बीच होती है। मध्यस्था का मतलब दो पक्षों के विवादों को सुलझाना है। ये विवाद घर से लेकर अंतर्राष्ट्रीय पर हो जाता है। भारत और चीन इसके प्रत्यक्ष उदाहरण है। इस मौके पर मध्यस्थ को बड़ी सावधानी से दोनों पक्षों को समझना और न्यायचित निर्णय देना पड़ता है। ये बाते वेबिनॉर के तहत झालसा के राज्य प्रशिक्षक भैया मुकेश ने कहीं। वे हजारीबाग से राज्य स्तरीय मध्यस्थों का प्रशिक्षण को संबोधित कर रहे थे। मौके पर जिला के डालसा सचिव संजीत बाड़ा, व प्रशिक्षक विजय सिंह उपस्थित थे। करीब दो घंटे चले इस वेबिनार में विषयों का आदान प्रदान हुआ। प्रश्नों के एक एक कर उतर भैया मुकेश ने दी और उनके शंकाओं का समाधन किया। बेविनांर कंफ्लिक्ट और मध्यस्तथा का सिद्वांत को लेकर आयोजित किया गया था। डालसा सचिव संजीत बाड़ा ने विषय प्रवेश कराया और डालसा के कार्यो की विस्तार पूर्वक जानकारी दी। वहीं प्रशिक्षक वियज कुमार ने मध्यस्तथा के सिद्वांत की जानकारी दी।