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गांव में श्रमदान से चेकडैम की सफाई कर बचा सकते हैं पानी

अरविद राणा हजारीबाग केवल सरकार के भरोसे जल स्त्रोत और बरसात के पानी को नहीं बचाया

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Jul 2019 06:10 PM (IST)Updated: Wed, 17 Jul 2019 06:10 PM (IST)
गांव में श्रमदान से चेकडैम की सफाई कर बचा सकते हैं पानी
गांव में श्रमदान से चेकडैम की सफाई कर बचा सकते हैं पानी

अरविद राणा, हजारीबाग : केवल सरकार के भरोसे जल स्त्रोत और बरसात के पानी को नहीं बचाया जा सकता है, परंतु समझदारी, जानकारी, जन सहयोग और मजबूत इच्छा शक्ति से जल हीं नहीं बल्कि आने वाला कल को बचाया जा सकता है। सरकार ऐसे लोगों को सहयोग हीं नहीं कर रही बल्कि सम्मानित भी कर रही है। गांवों में सरकार द्वारा बनाए गए चेकडैम की श्रमदान से सफाई कर बरसात के पानी को बचाया हीं नहीं जा सकता, बल्कि किसानों को समृद्ध और खेतों को पानी भी दिया जा सकता है। दैनिक जागरण से बातचीत करते भू सर्वे संरक्षण पदाधिकारी विजय आनंद ने उपरोक्त जानकारी दी। दैनिक जागरण के जल संचयन में मुहिम में शामिल होकर श्रमदान से हजारीबाग और रामगढ़ जिले में चेकडैम और सूख चुके जल स्रोत और तालाब की सफाई करा रहे हैं। विजय आनंद ने बताया कि खेतों के लिए लिचिग और टपक विधि से सिचाई सबसे महत्वपूर्ण है। किसानों को जल संरक्षण से लेकर कम पानी में खेती के गुर सिखाया जा रहा है। भूमि संरक्षण विभाग भी इसी योजना के तहत जल समिति को जागरूक कर रही है। बरसात का पानी और घरों से निकलने वाला जल को घर और घर के बाहर बारी में गड्डा कर ईंट के टुकड़े से सोक पिट बनाकर जमा कर सकते हैं।

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श्रमदान से चेकडैम की सफाई अभियान की रामगढ़ से शुरुआत

हजारीबाग रेंज में आने वाले रामगढ़ में जल संरक्षणय मुहिम की शुरुआत भू सर्वे संरक्षण पदाधिकारी विजय आनंद के नेतृत्व में शुरु किया गया है। प्रारंभ जिले के गोला प्रखंड अंतर्गत चोकड़ पंचायत के चोपादारु गांव में किया गया। सर्वे पदाधिकारी के साथ पूरा गांव और प्रतनिधियों ने चैकडैम की सफाई अभियान की शुरुआत की। चार घंटे के श्रमदान के बाद सूख चुके चेकडैम का जब गाद बाहर आया तो वहां दो फिट पानी जमा हो गया। श्री आनंद ने बताया कि हर सप्ताह इस तरह के आयोजन हजारीबाग व रामगढ़ में किया जा रहा है। वहीं तालाबों का पुर्निमाण भी विभाग द्वारा किया जा रहा है।

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प्रखंड में आवेदन देकर ट्रेंच व वन विभाग- उद्यान पदाधिकारी को आवेदन देकर लगा सकते है पौधा

श्री आनंद ने बताया कि जल के लिए पर्यावरण जरुरी है। पौधा नहीं रहेंगे तो वर्षा नहीं होगी। हमें पौधरोपण पर भी जोर देना चाहिए। बताया कि खेत और बेकार पड़े टाड़ में प्रखंड विकास पदाधिकारी को आवेदन देकर टीसीबी ट्रेच की खुदाइ कराई जा सकती है। वहीं वन विभाग या उद्यान पदाधिकारी को आवेदन देकर खाली पड़े खेत औश्र टाड़ में पौधरोपण किया जा सकता है। बताया कि ट्रेच के उपर पौधा लगाकर एक साथ दो काम किया जा सकता है।

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बरसात से पूर्व जल स्त्रोत और चेकडैम की सुनिश्चित करे सफाई

सर्वे पदाधिकारी विजय आनंद ने बताया कि बरसात से पूर्व पानी को रोकने और भू गर्भ जल स्त्रोत को बचाने के लिए चेकडैम की सफाई, मरम्मत और गाद को बाहर निकाले। उन्होंने अपील करते हुए बताया कि नदी गांव की सामूहिक संपति होती है। हमें इसकी रक्षा भी सामूहिक रुप से हीं करनी होगी। बांध में टूट फूट की मरम्मत कर उसके नया जीवन दिया जा सकता है।

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