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देश की रक्षा के लिए अब तक 1934 जवानों ने दिया बलिदान

लीड--------------- बीएसएफ स्थापना दिवस समारोह में आइजी डीके शर्मा ने इतिहास से कराया अंवगत

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Dec 2021 07:18 PM (IST)Updated: Wed, 01 Dec 2021 07:18 PM (IST)
देश की रक्षा के लिए अब तक 1934 जवानों ने दिया बलिदान
देश की रक्षा के लिए अब तक 1934 जवानों ने दिया बलिदान

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बीएसएफ स्थापना दिवस समारोह में आइजी डीके शर्मा ने इतिहास से कराया अंवगत

संवाद सहयोगी, हजारीबाग : 1965 में स्थापित बीएसएफ को वीरता के लिए अब तक 11 परमबीर चक्र, 01 महावीर चक्र, 13 वीर चक्र, 04 कीर्ति चक्र, 13 शौर्य चक्र, 56 सेना मेडल, 232 पीपीएमजी एवं 968 पीएमजी पदक प्राप्त हो चुका है। देश के लिए अब तक 1934 जवानों ने अपनी आहुति दी है। वर्तमान समय में बीएसएफ की 193 बटालियन कार्यरत है। देश ही नहीं विश्व के सबसे बड़े बल होने का गौरव प्राप्त बीएसएफ के पास वर्तमान समय में 2 लाख 65 हजार जवान व पदाधिकारी कार्यरत हैं। यह जानकारी जब मंच से बीएसएफ आइजी डीके शर्मा ने साझा की। आइजी ने इतिहास से अवगत कराते हुए लड़े गए युद्ध और कठिन प्रशिक्षण और कठिन परिश्रम की भी जानकारी दी। स्थापना दिवस पर दुल्हन की तरह सजाए गए बीएसएफ प्रशिक्षण केंद्र बुधवार को कुछ अलग ही नजारा था। चकाचक वर्दी, चमकते स्टार, वाहनों का काफिला और जवानों का अनुशासन बीएसएफ के परंपरा और संस्कृति बता रही थी। इससे पूर्व जवानों ने सांस्कृतिक नृत्य पेश किया।

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विश्वविद्यालय की स्वायतत्ता नहीं आने देंगे आंच : राज्यपाल

राज्यपाल रमेश बैस ने स्थापना दिवस समारोह में पत्रकारों से बातचीत की। उनके द्वारा उठाए जा रहे कदम की जानकारी दी। विश्वविद्यालय के तृतीय और चतुर्थ वर्ग श्रेणी में नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा किए जाने को लेकर पूछे गए एक प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि उनके रहते विश्वविद्यालय के स्वायत्तता पर आंच नहीं आएगी। बताया कि उनके यहां आने का तीन माह हो रहा है और अबतक वे राज्य के सभी कुलपतियों के साथ दो दौर की बैठक कर चुके है। हैरानी जताया कि 2008 के बाद यहां एक भी शिक्षक की नियुक्ति नहीं हुई। कहा कि ऐसे में शिक्षा का विकास कैसे संभव है। बताया कि शिक्षा के विकास के लिए वे चितित है और इसके लिए हर वह कदम उठाएंगे जिससे उच्च शिक्षा की बेहतरी होगी और राज्य का विकास होगा।

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प्रशिक्षण स्थल का लिया जायजा, देखे कमांडो प्रशिक्षण का डेमो

राज्यपाल करीब पांच घंटे तक बीएसएफ में रहे। इस दौरान वे कमांडों प्रशिक्षण स्थल भी गए। वहां पर कमांडों प्रशिक्षण का डेमो देखकर आश्चर्यचकित हो गए। जंगल सफारी का आनंद लिया। प्रतिक्रिया दी और कहा कि देश सेवा के लिए कितना कठिन प्रशिक्षण से गुजरना होता है यह कमांडों प्रशिक्षण बताने के लिए काफी है। राज्यपाल इस दौरान जंगल सफारी पर निकले और बीएसएफ के झील में प्रवासी पंक्षियों को देखकर गदगद हो गए।

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देशभक्ति गीतों से गूंजता रहा स्थल, सेवानिवृत बीएसएफ कर्मी भी थे उपस्थित

स्थापना दिवस को विशेष बनाने के लिए बीएसएफ की ओर से हर संभव प्रयास किए गए थे। सभा स्थल पर दिन के 12 बजे से कार्यक्रम प्रारंभ हो गया। इस दौरान बीएसएफ के आकेस्ट्रा और बैंड पार्टी ने जमकर लोगों को झुमाया। पूरा मैदान देशभक्ति गीतों से गुंज रहा था। गीत और नृत्य भी बीएसएफ जवानों की ओर से पेश किए गए । इस दौरान बीएसएफ की ओर से सेवानिवृत जवान व पदाधिकारियों को भी बुलाया गया।


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