Hazaribagh: विनोबा भावे विश्वविद्यालय के छात्रों ने कुलपति का किया घेराव, भविष्य चौपट करने का लगाया आरोप
विनोबा भावे विश्वविद्यालय की इस गलती के कारण स्नातक व बीएड कर चुके करीब 80 हजार छात्र शिक्षक नियुक्ति टीजीटी लैब असिस्टेंट जैसे नियुक्तियों से होना पड़ रहा है। परिणाम स्वरूप बुधवार को भारी संख्या में नाराज छात्रों ने कुलपति का घेराव किया
हजारीबाग, संवाद सूत्र। झारखंड के टॉप विश्वविद्यालयों से एक विनोबा भावे विश्वविद्यालय द्वारा जल्द बाजी में लिए गए निर्णय छात्रों पर भारी पड़ना लगे हैं। आरोप तत्कालीन कुलपति गुरदीप सिंह पर है, जिनके कार्यकाल में सीबीसीएस सेमेस्टर सिस्टम 2015 में लागू करते हुए 2019 तक एक पेपर जेनरिक की पढ़ाई प्रारंभ हुई थी।
छात्रों का आरोप है कि विभावि की इस गलती के कारण स्नातक व बीएड कर चुके करीब 80 हजार छात्र शिक्षक नियुक्ति, टीजीटी, लैब असिस्टेंट जैसे नियुक्तियों से होना पड़ रहा है। परिणाम स्वरूप बुधवार को भारी संख्या में नाराज छात्रों ने कुलपति का घेराव किया और इसका विकल्प पर विचार करने की बात कहीं।
1 घंटे तक कुलपति के वाहन को रोका
इससे पूर्व जुलूस की शक्ल में विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन के समक्ष पहुंचे सैकड़ों छात्रों ने जमकर नारे लगाए , विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का नेतृत्व धर्मेंद्र कुमार ,जीवन कुमार यादव,अभिषेक कुमार,अमित कुमार कर रहे थे। हंगामा कर रहे छात्र करीब एक घंटे तक कुलपति के वाहन को घेरे रखा और उन्हें बाहर नहीं आने दिया।
बाद में किसी तरह मामला शांत कराने के बाद एक प्रतिनिधि मंडल से परीक्षा नियंत्रक ने मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सूना । छात्र नेता जीवन यादव ने बताया कि यूनिवर्सिटी की गलती के कारण उनका भविष्य बर्बाद होने को है।।इस विषय को लेकर यूनिवर्सिटी प्रशासन को कई बार मांग पत्र सौंपा गया था। परंतु कोई उचित कार्यवाही न होते देख आज सैकड़ों छात्रों ने विरोध प्रदर्शन करना पड़ा।
राजभवन से तलाशा जाएगा विकल्प
छात्र प्रतिनिधियों से वार्ता करने आए यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि इस गंभीर विषय पर वे राज्यपाल ,उच्च शिक्षा विभाग,शिक्षा सचिव को इस विषय से अवगत कराएंगे। परीक्षा नियंत्रक स्वयं इस विषय पर जाकर संदर्भित अधिकारियों से मिलेंगे और उचित कार्यवाही की मांग करेंगे।
वार्ता के दौरान रुसा के नोडल पदाधिकारी डा. चंद्रशेखर के अलावा अन्य पदाधिकारी शामिल थे। मौके पर उपस्थित छात्र प्रतिनिधियों ने कहा कि यदि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा दिए गए आश्वासन पर अविलंब कार्यवाही नहीं होती है तो जल्द ही वे यूनिवर्सिटी का घेराव करेंगे।
इस तरह समझे विभावि की गड़बड़ी और छात्रों की परेशानी
सीबीसीएस समेस्टर लागू होने के बाद छात्रों को कोर पेपर के साथ एक जेनरिक पेपर की पढ़ाई कराई गई। 2019 तक के स्नातक छात्र इस व्यवस्था से पढ़ाई पूरी की। अब समस्या यह है कि जो छात्र बीएड कर लिए या एमएड कर लिए।
स्नातक की डिग्री ले लिए, वे अब शिक्षक नियुक्ति में पीजीटी, टीजीटी, केंद्रीय विद्यालय में लैब सहायक जैसे अन्य नियुक्तियां जिसमें विषय आधारित मिश्रण में योग्य नहीं हो पाएंगे। यहीं कारण है कि छात्र फार्म भरने से वंचित होने पर विभावि के खिलाफ नाराजगी व्यक्त कर रहे है।
क्या हो सकता है विकल्प
हंगामा क रहे छात्रों ने बताया कि इस मामले में एक मात्र विकल्प अतिरिक्त परीक्षा संबंधित विषय पर लेनी होगी और सभी की डीग्री में इसे शामिल करना होगा। संशोधन के बाद हीं करीब 80 हजार छात्र 2015 -2019 के छात्र उपरोक्त विषयों में होने वाले नियुक्ति के लिए योग्य होंगे।