प्रवासियों ने बढ़ाई कोरोना संक्रमण की रफ्तार
हजारीबाग अब से करीब दो माह पूर्व पश्चिम बंगाल के आसनसोल से पैदल घर लौटे मजदूर के साथ क
हजारीबाग : अब से करीब दो माह पूर्व पश्चिम बंगाल के आसनसोल से पैदल घर लौटे मजदूर के साथ कोरोना ने हजारीबाग जिला में प्रवेश किया था। जिला के पहला केस मिलने के साथ विगत माह अप्रैल की 2 तारीख को मरीज को कोविड 19 वार्ड में भर्ती करने के साथ कोरोना से जंग प्रारंभ हुआ।अप्रैल माह के अंत तक संक्रमण की रफ्तार काफी धीमी रही। एक माह के अंदर मात्र तीन संक्रमित मरीज मिले। एक समय ऐसा आया कि जिला कोरोना संक्रमण मुक्त हो चुका था। लेकिन प्रवासी मजदूरों के देश के दूसरे राज्यों से वापस घर लौटने के साथ ही कोरोना संक्रमण का ग्राफ एक बार फिर से चढ़ने लगा। इससे पूर्व जिला भर जहां स्क्रीनिग की संख्या 50 के आसपास पहुंच चुकी थी। वहीं प्रवासी मजूदरों के वापस लौटने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन के परिचालन के बाद मात्र 25 दिनों में ही संक्रमित मरीजों से संख्या तीन से बढ़कर 55 पर पहुंच चुकी है। हालांकि राहत की बात यह है कि अप्रैल माह में मिले तीन संक्रमित मरीजों के साथ 16 अन्य को लेकर अब तक कुल 19 मरीज स्वस्थ्य होकर अपने घर लौट चुके हैं।
सभी हैं प्रवासी
जिला में कोरोना संक्रमण की बात करें तो अब तक मिले 55 मरीजों में से दो गर्भवती महिला संक्रमित मरीजों को छोड़कर सभी प्रवासी मजदूर है। जो देश के बड़े महानगरों में रहते थे। तात्पर्य यह कि कोरोना अब तक देश के दूसरे राज्यों से ही यहां पहुंच रहा है। जिला में स्थानीय स्तर पर सामुदायिक संक्रमण जैसी कोई बात नहीं है। यह जिलावासियों के लिए बड़ी राहत की बात है। वहीं अब तक जिला में कोरोना संक्रमण के ग्राफ को देखे तो उसे दो कालखंडों में विभाजित किया जा सकता है। पहला खंड लॉकडाउन 1.0 के बाद अप्रैल माह एवं दूसरा खंड श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के परिचालन के बाद । पहले कालखंड में लगभग बीस हजार लोगों की स्क्रीनिग की गई थी। लेकिन उसमें से संक्रमित मरीजों की संख्या मात्र तीन मिला। जबकि दूसरे कालखंड में श्रमिक स्पेशल ट्रेन व बसों के परिचालन के बाद अब तक लगभग 30 हजार प्रवासियों की स्क्रीनिग की गई है। लेकिन इस बार संक्रमितों की संख्या में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। संक्रमित मरीजों की संख्या 03 से बढ़कर 55 हो चुकी है। अब लॉकडाउन 4.0 भी समाप्त होने के कगार पर है। ऐसे में संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या हमें लॉकडाउन 4.0 के समाप्त होने के बाद की स्थिति पर सोचने को विवश करता है।