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प्रवासी मजदूर की करतूत से परेशान रहे गांव वाले

चरही बेंगलुरु से अपने गांव कजरी आने के लिए एक प्रवासी मजदूर को रास्ते भर तो परेशानी स्

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 09:03 PM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 06:15 AM (IST)
प्रवासी मजदूर की करतूत से परेशान रहे गांव वाले
प्रवासी मजदूर की करतूत से परेशान रहे गांव वाले

चरही: बेंगलुरु से अपने गांव कजरी आने के लिए एक प्रवासी मजदूर को रास्ते भर तो परेशानी स्वयं तो हुई ही। गांव आने के बाद ग्रामीणों को भी कम फजीहत में नहीं डाला। अंत में उसे चरही पीएचसी में जांच के लिए भेजा गया। कमाने के लिए कजरी का एक युवक बेंगलुरू गया हुआ था। लॉकडाउन के कारण वह दो महीने फंसा रहा। श्रमिक रेलगाड़ी से वह रांची पहुंचा। जहां से वह हजारीबाग नहीं आकर बोकारो पहुंच गया। पुन: किसी तरह वह हजारीबाग पहुंचा। वहां से वह अपने परिजन को फोन कर दिया। उसे लेने के लिए बाइक से लोग हजारीबाग गए। हजारीबाग से आने के बाद उसे जांच के लिए चरही पीएचसी जाना चाहिए था। वहां न जाकर पहुंच गए साथ वाले के साथ शराब पीने। शराब पीकर दोनों देर रात में घर पहुंच गए। घर वालों ने अपने स्तर से उन्हें नहला- धुलाकर घर में जाने तो दे दिए। युवक अपने घर में ही रात का भोजन भी किया। जब युवक के आने की भनक ग्रामीणों को हुई तो सारे ग्रामीण विरोध करने लगे। किसी तरह रात रविवार की तो लोगों ने इसकी शिकायत स्थानीय मुखिया बबली पिटर को दी गई। मुखिया के पहल पर तुरंत उसे जांच के लिए चरही अस्पताल भेजा गया। जांचोपरांत युवक को बहेरा पंचायत भवन के क्वारंटाइन केंद्र में रखा गया है। क्षेत्र में जितने आने वाले प्रवासियों का सरकारी आंकलन हुआ है, कुछ वैसे भी लोग चुपके से भी पहुंचकर घरों में रह रहे हैं।

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