शहर से गायब हो गए कुएं व तालाब, बन गए पक्का मकान
शहर से गायब हो गए कुएं और तालाब बन गया पक्का मकान
शहर से गायब हो गए कुएं व तालाब, बन गए पक्का मकान
संस, हजारीबाग : स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने पर देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। बलिदानियों के इतिहास को बताया जा रहा है। इसी क्रम में बलिदानियों की स्मृति में उनके नाम पर अमृत सरोवर बनाया जा रहा है। कुछ ऐसे भी तालाब हैं, जिसके जमीन पर लोगों ने कब्जा कर पक्का मकान निर्माण कर रखा है। वहीं तालाब पर हुए अतिक्रमण ने सरकार द्वारा चलाई गई योजना अमृत सरोवर पर रोड़ा डाल दिया है। शहर के कई तालाबों को मिट्टी भर दिया गया,जबकि कई कुओं को ढककर मकान का निमार्ण किया गया है। ज्ञात हो कि आज से करीब 50 साल पहले शहर में कई नाले सोती, कुएं तालाब थे। अब वे गायब हो चुके हैं। इनके गायब हो जाने से आज शहर के लोगों को पानी जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। यहां तक कि लोगों ने श्मशान घाट में जो पूर्व से नाले हुआ करते थे उसे भी अतिक्रमण कर कब्जा कर लिया।
आजादी के समय मौजूद कुएं शहर से हो गए गायब :
देश की आजादी के समय हजारीबाग में 17 बड़े कुएं थे। इनके काफी योजनाबद्ध तरीके से बनाया गया था। लेकिन, इनमें से हजारीबाग के मेन रोड में मौजूद तीन कुओं पर तो मार्केट बन चुके हैं। वही गुरु गोविंद सिंह रोड में मौजूद कुआं भी गायब हो चुका है। वैसे ही अन्य कुओं का अस्तित्व भी समाप्त हो चुका है। बात करें तालाबों की आजादी के बाद लगातार तालाबों की संख्या बढ़ी है। लेकिन, दूसरी और उतनी रफ्तार से ही जल स्रोतों पर कब्जा भी हुआ है। धोबिया तालाब पर अतिक्रमण हटाने को लेकर कई बार प्रशासन का बुलडोजर चला है लेकिन, अभी भी यहां कब्जा बरकरार है। वैसे ही शहर के अंदर मौजूद अन्य तालाबों को दायरे को बेहद कम कर दिया गया है। ओकनी तालाब में अतिक्रमण को लेकर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं।