गोकशी में तीन व पथराव को लेकर 20 नामजद सहित तीन हजार पर प्राथमिकी
संवाद सहयोगी हजारीबाग खपरियांवा के नृसिंह मंदिर रोड स्थित बन्हे में बकरीद के घटना के
संवाद सहयोगी, हजारीबाग : खपरियांवा के नृसिंह मंदिर रोड स्थित बन्हे में बकरीद के घटना के बाद धीरे-धीरे सबकुछ सामान्य हो गया। पुलिस ने गोकशी और दंगा भड़काने को लेकर दो अलग-अलग प्राथमिकी कटकमदाग थाने में थाना प्रभारी धनंजय कुमार सिंह के फर्द बयान पर दर्ज की गई है। पहली प्राथमिकी थान कांड संख्या 90 -20 में गोकशी करने वाले तीन लोगों को आरोपित बनाया गया है। वहीं एक अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। गोकशी करने वालों में मो. इम्तियाज, मो.अयूब, मो. जुबेर शामिल है। दूसरी प्राथमिकी में 20 लोगों को नामजद सहित तीन हजार अज्ञात पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है। पथराव, आगजनी, तोड़फोड़, धार्मिक उन्माद सहित दंगा भड़काने को लेकर दूसरा मामला कांड संख्या 91/20 के तहत धारा 148,149,323,332,333,307,153ए, 295, 427,435,337,353, 379 के तहत दर्ज किया गया है। वहीं इस मामले में तीसरा आवेदन नृसिंह मंदिर प्रबंधन समिति ने भी थाने को दिया है। इसमें मंदिर पर पथराव, श्रद्धालुओं के मोटरसाइकिल की तोड़-फोड़ आगजनी सहित कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। प्राथमिकी का आवेदन मंदिर कोष प्रमुख ने दिया है। वहीं इसी मामले मे चौथा आवेदन मुखिया पति ने भी कटकमदाग थाने को दिया है। --------------
सतर्कता और सूचना पर त्वरित कार्रवाई कर देते थाना प्रभारी तो नहीं सुलगता बन्हे पूरे मामले में कटकमदाग थाना प्रभारी की लापरवाही का मामला भी सामने आया है। पूरे दिन खपरियांवा में ग्रामीण पुलिसिया लापरवाही को लेकर आक्रोश व्यक्त करते दिखाई दिए। लोगों के अनुसार थाना प्रभारी को शुक्रवार रात हीं बड़े पैमाने पर प्रतिबंधित पशु लाने की सूचना दी गई थी। सुबह भी इसकी जानकारी दी गयी। परंतु यह सब जानकर भी प्रभारी कोई निर्णय नहीं ले सके। ग्रामीणों का आरोप है कि जब ग्रामीण गोकशी की सूचना देकर साथ ले गए और स्थान भी दिखा दिया तो इसके बावजूद थाना प्रभारी घंटेभर अग्रतर कार्रवाई की जगह निर्णय लेने में देर कर दी। इसके कारण लोगों को गोलंबद हो जाने का मौका मिला और नतीजा सबके सामने है।
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सूचना भी दी, पुलिस भी बुलाया और पत्थर खाने के बाद अब प्राथमिकी भी : अनुराग पूरे प्रकरण में हंगामा न हो यह सोचकर मंदिर मोड़ पर खड़े पुलिस पदाधिकारी और थाना प्रभारी को सूचना दी गई। इसके बावजूद सूचना देने वाले लोगों ने पत्थर खाए, उनके वाहन क्षतिर्ग्रस्त किए गए। अब उन पर प्राथमिकी भी दर्ज की जा रही है। ग्रामीण अनुराग ने बताया कि पुलिस पर किसी और दबाव है, जिसे लेकर पीड़ित लोगों पर ही प्राथमिकी दर्ज की जा रही है। जबकि पुलिस के सामने पत्थरबाजी दूसरे पक्ष के लोगों ने किया।