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साहित्य समाज का सच्चा दर्पण : डॉ. शंभू बादल

हजारीबाग जीवन में क्षमाशील होना सबसे बडा गुण है। आप लोगों को क्षमा कर अपने लक्ष्य की ओर ब

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 10:28 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 06:21 AM (IST)
साहित्य समाज का सच्चा दर्पण : डॉ. शंभू बादल
साहित्य समाज का सच्चा दर्पण : डॉ. शंभू बादल

हजारीबाग: जीवन में क्षमाशील होना सबसे बडा गुण है। आप लोगों को क्षमा कर अपने लक्ष्य की ओर बढ जाएं तब आपकी मंजिल अवश्य मिलेगी। उक्त बातें विभावि के कुलपति डॉ. रमेश शरण ने प्रेमचंद शरतचंद्र साहित्यिक पुरस्कार वितरण समारोह में विभावि स्थित विवेकानंद सभागार में बतौर मुख्य अतिथि कही। मौके पर जिले के सैकडों स्कूलों, महाविद्यालया के छात्र-छात्राओं को मोमेंटो और सम्मान पत्र देकर पुरस्कृत किया गया। इससे पूर्व समारोह से जुडे समिति सदस्यों द्वारा कर्णप्रिय गीत प्रस्तुत किए गए।

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रांची फिल्म थियेटर एंड ग्रुप की प्रस्तुति रही बेजोड़

रांची फिल्म थियेटर एंड ग्रुप के नाटय मंचन की प्रस्तुति बजोड रही। नाटक कान, बान और शान ने गरीबी और सरकारी सिस्टम पर बेजोड कटाक्ष किया वहीं नाटक खामोशी कब तक ने महिला बलात्कार के बढते कदम पर समाज की चुप्पी पर प्रश्न उठाए। निदेशक राजीव सिन्हा की टीम के नाटय मंचन पर लोग वाह-वाह कर उठे। कार्यक्रम में समिति अध्यक्ष डॉ. शंभू बादल, राजेश रंजन, राजीव झा, अमित मिश्रा, रेखा झा, पूनम त्रिवेदी, संजय तिवारी, श्रुति कुमारी, मोना बग्गा, शशि बाला, राजीव कुमार, डॉ. सुकल्याण मोइत्रा, पुस्कार, आशीश पूजा, कश्यप, जीवन शेखर उपाध्याय सहित कई स्वयं सेवकों ने महती भूमिका निभाई।


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