जिला प्रशासन की बंद है तीसरी आंख, शहर की सुरक्षा में लग सकता है सेंध
हजारीबाग शहर में जिला प्रशासन की तीसरी आंख बंद है। ऐसे में शहर की सुरक्षा में सेंध
हजारीबाग : शहर में जिला प्रशासन की तीसरी आंख बंद है। ऐसे में शहर की सुरक्षा में सेंध लग सकती है साथ ही इसे लेकर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं। बंद तीसरी आंख सीसीटीवी कैमरा है, जिसे दो साल पूर्व विधायक मनीष जायसवाल, मांडू विधायक जेपी पटेल तथा डीवीसी के सहयोग से लगाया गया था। प्रशासन द्वारा फसाद की जड़ बनने वाले शहरी क्षेत्र के 26 संवेदनशील इलाकों से लेकर शहर में प्रवेश करने वाली हर प्रमुख सड़कों पर इसे लगाया गया था। निगरानी के लिए कुल 256 सीसीटीवी लगे थे लेकिन पिछले एक वर्षो से 256 में से एक 145 सीसीटीवी बंद पड़े हैं। बंद कैमरे की वजह से कई बार शहर के प्रमुख चौक चौराहों पर हुए विवाद का हल नहीं निकल सका। वहीं चोरों की भी चांदी बंद कैमरे के कारण हो गई है। चोर उसी क्षेत्र में अधिक चोरी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, जिस क्षेत्र में कैमरे खराब हो गए हैं या फिर मरम्मत के अभाव में बंद हो गए हैं।
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संवेदनशील 26 में 20 स्थानों पर बंद हैं कैमरे
शहर की सुरक्षा को लेकर संवेदनशील 26 स्थानों को चिह्नित कर विशेष रुप से नाइट विजन कैमरे लगाए थे। यूं तो 256 स्थानों पर शहर में कैमरे लगाए गए है लेकिन विशेष रुप से इन 26 स्थानों में 20 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे बंद हैं। बंद कैमरे का लाभ शहर में आपराधिक तत्व फायदा उठा सकते है। कई लोगों ने इस मामले में सीसीआर से शिकायत की है, लेकिन इसका हल नहीं निकला।
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चोरी की घटनाओं की नहीं हो पाती पड़ताल
शहर के आधे से अधिक स्थानों पर बंद पड़े कैमरों के कारण चोरी, मारपीट जैसे हो रही घटनाओं की पड़ताल नहीं हो पा रही है जबकि पूर्व में शहर की निगरानी कैमरे से होने के कारण चोरी की घटनाओं का त्वरित पड़ताल हो जाता था।
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पेलावल से कोर्रा, संत कोलंबा से विभावि तक लगे हैं कैमरे :
सीसीटीवी कैमरा संवेदनशील पेलावल से लेकर संत कोलंबा कालेज, कारगिल पंप, बड़कागांव रोड मार्खम कालेज से लेकर विभावि और कोर्रा चौक तक लगाए गए हैं।