टीसीबी से बूंद-बूंद पानी बचाने में जुटा प्रशासन
संवाद सहयोगी हजारीबाग हजारबागों और झील-तालाबों का शहर कहा जाने वाला हजारीबाग
संवाद सहयोगी, हजारीबाग : हजारबागों और झील-तालाबों का शहर कहा जाने वाला हजारीबाग जिले में जिला प्रशासन बारिश के बूंद-बूंद पानी को भी बचाने की कवायद कर रहा है। पानी बचाने की मुहिम जहां स्कूलों में सोखा, और पौधा लगाकर किया जा रहा है। वहीं पंचायत स्तर पर इस अभियान को मूर्त रूप देने का काम टीसीबी अर्थात ट्रेंच कम बंड से किया जा रहा है। उपायुक्त के अनुसार प्रत्येक गांव में पांच टीसीबी निर्माण कर पानी बचाने का कार्य जिला प्रशासन कर रहा है। टीसीबी अर्थात ट्रेंच कम बंड वैसे स्थानों पर बनाया जा रहा है, जो पहाड़ी और ढलान क्षेत्र है। 12 फिट लंबा, चार फिट गहरा और ढाई फिट चौड़े इस कंबड से जिला प्रशासन बहते पानी को चलना और चलते पानी को रुकना सीखा रहा है।
पानी बचाने में विष्णुगढ़ अव्वल, दूसरे व तीसरे स्थान पर इचाक और केरेडारी
जिले में जल संरक्षण को लेकर स्कूल से लेकर कॉलेज, पंचायत से लेकर प्रखंड तक कई कार्य किए जा रहे हैं। इनमें विष्णुगढ़ प्रखंड जल बचाने की मुहिम में जिले में सबसे आगे चल रहा है। जुलाई माह की रिर्पोट के अनुसार और अगस्त 15 तक विष्णुगढ़ जिले में ट्रेंच कम बंड (टीसीबी) निर्माण में नंबर वन बना है। यह जानकारी बीडीओ अमित भगत एवं बीपीओ राजीव आनंद ने दी है। उन्होंने बताया कि प्रखंड के विभिन्न पंचायत स्थित गांवों में 219 टीसीबी का निर्माण कार्य जारी है। दूसरे स्थान पर इचाक है जहां 184 तथा केरेडारी में 149 का निर्माण किया जा रहा है। चौपारण 117, सदर 91, बड़कागांव में 96 टीसीबी का निर्माण किया जा रहा है।
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3296 टीसीबी का होगा निर्माण
जिले के 16 प्रखंडों में 3296 टीसीबी का निर्माण होना है। इसके लिए विशेष निर्देश उपायुक्त की ओर से जारी किए गए है। वहीं जल बचाने को लेकर दैनिक जागरण की ओर से भी विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जगह जगह जल सोखता बनाने की मुहिम चलाई जा रही है। इस क्रम में मध्य और उच्च विद्यालयों में चार सौ जल सेना का गठन किया गया है।