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संस्कृत भाषा के अध्ययन से कई भाषाओं का हो जाता है ज्ञान

संवाद सहयोगी हजारीबाग संस्कृत भारती के तत्वाधान में रविवार को स्थानीय भाग्यमणि विवाह मं

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Aug 2019 08:04 PM (IST)Updated: Sun, 18 Aug 2019 08:04 PM (IST)
संस्कृत भाषा के अध्ययन से कई भाषाओं का हो जाता है ज्ञान
संस्कृत भाषा के अध्ययन से कई भाषाओं का हो जाता है ज्ञान

संवाद सहयोगी, हजारीबाग : संस्कृत भारती के तत्वाधान में रविवार को स्थानीय भाग्यमणि विवाह मंडप में संस्कृत दिवस पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। समारोह का उद्घाटन संस्कृत विभागाध्यक्ष विभावि पीजी विभाग डा. ताराकांत शुक्ल, स्वदेशी जांगरण मंच के जिला संयोजक ओम प्रकाश गुप्ता, डा.सुधीर कुमार तिवारी व सुबोध साहू ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। विषय प्रवेश कराते हुए सुबोध साहू ने संस्कृत दिवस और संस्कृत की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा विश्व की सभी भाषाओं की जननी संस्कृत है। मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए डा. ताराकांत शुक्ला ने कहा कि संस्कृत भाषा के अध्ययन से स्वत : कई भाषाओं का ज्ञान हो जाता है। संस्कृत के माध्यम से आसानी से नौकरी प्राप्त किया जा सकता है। देव भाषा होने के कारण इसकी मांग पूरे विश्व में है और विश्व के कई विश्वविद्यालय में इसकी पढ़ाई शुरू की गई है। इससे पूर्व अतिथियों का स्वागत संस्कृत भारती द्वारा गिलोय का पौधा देकर किया गया। स्वदेशी जागरण मंच सह संस्कृत भारती के न्यासी ओम प्रकाश गुप्ता ने संबोधित करते हुए संस्कृत के संवर्धन और संस्कृत भारती का संस्कृत को लेकर उद्देश्य पर प्रकाश डाला। वहीं गिलोय की महत्ता पर भी विस्तार से जानकारी दी। संस्कृत दिवस पर नाट्य, भाषा प्रतियोगिता, वाद विवाद, गीत का आयोजन किया गया। अंत में सहभागियों को सम्मानित किया गया।

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