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बही होलियाना बयार, चढ़ा फगुआ का बुखार

हजारीबाग सतरंगी खुमार में डूब जाने का पर्व होली कल गुरुवार को धूमधाम से मनाया जाएगा। लेि

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Mar 2019 07:23 PM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2019 07:23 PM (IST)
बही होलियाना बयार, चढ़ा फगुआ का बुखार
बही होलियाना बयार, चढ़ा फगुआ का बुखार

हजारीबाग : सतरंगी खुमार में डूब जाने का पर्व होली कल गुरुवार को धूमधाम से मनाया जाएगा। लेकिन होलियाना बयार अभी से ही बहने लगी है। क्या बच्चे क्या बूढ़े सभी फगुआ के नशे में झूम उठे हैं। रंगोत्सव के पर्व से पूर्व ही सभी के चेहरे पर खुशी का रंग चढ़ने लगा है। आज 8:12 रात्रि में है होलिका दहन

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कोयलांचल के तापिन साउथ शिव मंदिर के पुजारी आचार्य पंडित हरिवंश पाठक बताते हैं कि आज बुधवार रात्रि 8:12 से बुराई पर अच्छाई के प्रतीक के रूप में मनाया जाने वाला उत्सव होलिका दहन होगा। लोग अग्नि प्रज्ज्वलित होने के बाद झुमटा निकालते हैं और चना झंगरी आग को अर्पित कर फगुआ गीत ढोल-नगाड़े के साथ गाते हैं।

रंग-अबीर, पिचकारी की सजी दुकान

रंगोत्सव को लेकर शहर और विभिन्न प्रखंडों में रंग-अबीर, पिचकारी की दुकानें सजकर तैयार हैं। पारंपरिक पिचकारी के अलावा कई विभिन्न डिजाइन की पिचकारी खासा आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। होली मिलन के बहाने गले मिल रहे लोग

होली से पूर्व ही लोग शिकवे-शिकायत से परे होली मिलन के बहाने आपस में गले मिल रहे हैं। एक-दूजे के गाल पर गुलाल मलकर होली के संदेश को सार्थक बनाने का प्रयास अब भी जारी है।अर्थात, ईष्र्या पर प्रेम का रंग भारी है। त्वचा और आंखों का रखें ख्याल: डॉ. आइके सिन्हा

डीवीसी अस्पताल में कार्यरत शहर के चर्चित चिकित्सक डॉ. आई के सिन्हा कहते हैं कि अब प्राकृतिक रंगों की होली कम खेली जाती है और केमिकलयुक्त रंग-अबीर ज्यादा उपयोग होता है। अत: आंख और त्वचा को इससे बचाते हुए होली मनाएं।


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