बरकट्ठा विधायक से मिलने पहुंचे रैयत
बरकट्ठा: अंचल क्षेत्र के बरकट्ठा बाजार के ग्रामीणों के एनएच दो सिक्सलेन से प्रभावित रैयतों ने
बरकट्ठा: अंचल क्षेत्र के बरकट्ठा बाजार के ग्रामीणों के एनएच दो सिक्सलेन से प्रभावित रैयतों ने अपनी मकानों के मुआवजे को लेकर अध्यक्ष आवास बोर्ड सह विधायक जानकी प्रसाद यादव से मुलाकात की। विधायक की अध्यक्षता में प्रभावित परिवारों के साथ बैठक हुई। उन्होंने सभी रैयतों को आश्वस्त किया कि किसी के साथ अन्याय नही होगा, जिस किसी भी रैयतो का सड़क चौड़ीकरण में प्रभावित हैं, उन्हें उचित मुआवजा दिलाया जाएगा। उन्होंने सभी केशरे¨हद रैयतों को 18 दिसंबर को पंचायत भवन बरकट्ठा में मुआवजा के लिए आवेदन सौंपने की बात की। मौके पर अगुवाई कर रहे मुखिया संघ अध्यक्ष बसंत साव के नेतृत्व में एक कमेटी के गठन किया गया। इनमें सुनील श्रीवास्तव, दर्शन सोनी, ¨बदु सोनी, उमेश कुमार मोदी, मो जाहिद खान, अशोक कुमार गुप्ता, रूपेश कुमार गुड्डू, सूरज लाल समेत लोग शामिल हैं। रैयतों ने बताया कि बरकट्ठा के सैकड़ों परिवार पिछले 120 वर्षों से केशरे¨हद भूमि पर घर मकान दुकान बनाकर जीवन यापन करते हैं, जिसका जिक्र सर्वे खतियान 1911 में सभी रैयतों के घर मकान दुकान कब्जा दखल दर्ज हैं। इसके बावजूद फोरलेन सड़क निर्माण में भी इन प्रभावित रैयतों को कोई मुआवजा नही दिया गया। पुन: इस बार सिक्स लेन निर्माण में भूमि ली जा रही है, जिसमें प्रभावित रैयतों को कोई मुआवजा या सहायता राशि नही दी गई। एनएचएआइ द्वारा मशीन लगाकर घर मकान तोड़े जा रहे है। इसके बदले में कोई भी मुआवजा नही दिया जा रहा है। वही सारे रैयतों द्वारा स्वेच्छा से एनएचएआइ द्वारा चिन्हित भूमि को रैयतों द्वारा स्वत: अतिक्रमण हटा लेने पर अंचल अधिकारी अनिल कुमार ¨सह ने प्रशासन की ओर से हर संभव मदद की बात की। मौके पर उमेश कुमार मोदी, बीरेंद्र सोनी, धानेश्वर यादव, अनिल कुमार वर्णवाल, मनोज विश्वकर्मा, संजय गुप्ता गुड्डू गुप्ता, मिथलेश भारती, हाजी मो असदुल्लाह खान, मो. इम्तियाज भारती, मो जसीम खान, राजेश गुप्ता, कमलेश गुप्ता, रत्न गुप्ता समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे ।
18 -19 को होगी मापी
बरकट्ठा एनएचएआइ द्वारा सिक्सलेन सड़क निर्माण को लेकर रैयती भूमि स्वामियों द्वारा आपत्ति के बाद 40 मीटर सड़क की मापी के लिए 18 व 19 दिसंबर को तिथि निर्धारित की गई है। ज्ञात हो सड़क निर्माण में कुछ रैयती भूमि का भू-अर्जन नहीं हो पाया था।