नक्सली घटना के बाद पसरा रहा सन्नाटा
चौपारण: बेलाटांड में दशहरे की रात माओवादिओं द्वारा मचाई गई तबाही के बीच रविवार को
चौपारण: बेलाटांड में दशहरे की रात माओवादिओं द्वारा मचाई गई तबाही के बीच रविवार को घटनास्थल व आसपास के इलाकों में दहशत का माहौल पसर गया। निर्माण से जुड़ी कंपनी के बेलाटांड कैंप में सन्नाटा पसरा रहा। दहशत के बीच काम बंद होने की सुचना है। इधर पुलिस द्वारा मामले के खुलासा के लिए लगातार प्रयास जारी है। पुलिस ने दैहर पंचायत के कुछ लोगों को पूछताछ के लिए लाया है। वहीं मामले को लेकर नक्सली कमांडर आलोक जी, अमरजीत जी समेत लगभग तीन दर्जन प्रतिबंधित संगठन के सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
निर्माण कार्य प्रभावित होने का अंदेशा
इन सबके बीच जंगल से सटे ईलाकों में विकास के कार्य के शिथिल पडने की संभावना है। बताया जाता है कि प्रखंड के सुदुर उग्रवाद प्रभावित ईलाकों में दर्जनों सडक निर्माण, तालाब आदि का कार्य प्रस्तावित है तथा कईयों का संचालन हो रहा है। इस घटना के बाद सभी के मनोबल पर असर पडा है।
भगहर में नहीं बना पिकेट:
चौपारण: जीटी रोड के दोनों छोर से ही प्रतिबंधित संगठन क्षेत्र का सीमा विभक्त करते हैं। जीटी रोड के उतरी क्षेत्र के भाग को मगध जोन व दक्षिणी छोर को कौलेश्वरी जोन में बांटा गया है। कौलेश्वरी जोन के दैहर व चोरदाहा पंचायत के जंगल एक समय बडा आश्रयस्थल था। उसी प्रकार मगध जोन का भगहर पंचायत सबसे सुरक्षित केंद्र। परंतु लगभग एक दशक के लगातार पुलिसिया कार्रवाई से माओवादी गतिविधि ठप्प थी। इस बीच प्रशासन द्धारा भगहर में पिकेट बनाने की घोषणा की गई। परंतु इस निर्माण को लेकर धरातल पर कोई कार्य आरंभ नहीं हो पाया। क्षेत्र के भौगोलिक विषमता व जटिलता के बीच पिकेट बनना आवश्यक है।