अधूरा भवन छोड़ डकार गए 200 करोड़
हजारीबाग : उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के मुख्यालय हजारीबाग जिले में करीब 200 करोड़ की
हजारीबाग : उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के मुख्यालय हजारीबाग जिले में करीब 200 करोड़ की राशि खर्च कर सौ के करीब भवन बनाए गए। इन भवनों में विद्यालय, छात्रावास, स्टेडियम, अस्पताल, आंगनबाड़ी भवन शामिल हैं। ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल द्वारा विगत कई वर्षों में बने ये भवन अब तक अधूरे पड़े हैं जबकि योजना की सारी राशि की निकासी कर ली गई। ये सभी भवन 50 लाख से लेकर तीन करोड़ की लागत से बनाए गए हैं। इनमें से कुछ भवन खंडहर तो कुछ भूतबंगला का रूप ले चुका है। इससे करोड़ों की सरकारी जमीन भी बेकार हो गई है। इस बात का खुलासा सूचना अधिकार अधिनियम के तहत विभाग से मिली सूचना से हुआ है। ये सूचनाएं संस्था मैंगो मैन की आवाज के अध्यक्ष मनोज गुप्ता द्वारा मांगी गई थी। बाद में उन्होंने मुख्यमंत्री जन संवाद में भी अपनी शिकायत दर्ज कराई। इसी के तहत मुख्यमंत्री से रूबरू हो कर अपनी बातें रखी। उन्होंने इस सारे मामले में बड़े पैमाने पर विकास राशि के घालमेल की आशंका भी जताई है। मुख्यमंत्री द्वारा उन्हें व्यापक जांच का आश्वासन दिया गया है। इसी का परिणाम है कि अब सभी भवनों की जांच की कार्रवाई शुरू हो गई है।
कहां- कहां हैं अधूरे भवन
सूचना अधिकार अधिनियम में मिली जानकारी के अनुसार शहर के खिरगांव मुहल्ला के पास 85 लाख की लागत से अल्पसंखयक छात्रावास का निर्माण विशेष प्रमंडल द्वारा कराया गया। यह भवन वर्तमान में भूतबंगला का रूप ले चुका है। शहर के एसपी कोठी के पास 50 शैय्या वाले मातृ अस्पताल का निर्माण 260 करोड़ की लागत से किया गया जो अब तक अधूरा और बेकार पड़ा है। हिन्दू स्कूल के पास 54 लाख की लागत से बना छात्रावास भी अधूरा है। मटवारी में बालिका छात्रावास 78 लाख की लागत से बना मगर पूरा नहीं हो पाया। इसके अलावा वेल्स मैदान के पास सात करोड़ की लागत से बना आदिवासी छात्रावास, कटकमसांडी में 65 लाख की लागत से बना जमा दो विद्यालय, कटकमसांडी में ही 54 लाख से बना छात्रावास एवं 75 लाख की लागत से बना स्टेडियम भी अधूरा रह गया। इसके अलावा पदमा प्रखंड में भी करोड़ों के भवन अधूरे पड़े हैं। 260 करोड़ की लागत से मांडू में बना शिशु अस्पताल भी खंडहर बन गया।