सिर पर हेलमेट का न होना, बन रहा जानलेवा
हजारीबाग : हजारीबाग सहित आसपास के क्षेत्रों में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में 50 प्रतिश
हजारीबाग : हजारीबाग सहित आसपास के क्षेत्रों में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत लोगों की जान हेलमेट नहीं पहनने से जा रही है। हजारीबाग की सड़कें खून नही पी रही बल्कि उसके लिए हम दोषी हैं। हर तीसरे दिन यहां एक सड़क दुर्घटना होती है। सड़क सुरक्षा विभाग से जारी आंकड़ों पर गौर करें तो हजारीबाग में एक वर्ष में सड़क दुर्घटना में मरने वालों की संख्या 270 है। इसमें अधिकांश वे लोग हैं जिनकी मौत हेलमेट नही पहने की वजह से सिर में चोट लगने की वजह से हुई। दूसरी ओर हजारीबाग में मस्तिष्क से संबंधित विशेषज्ञ उपचार न होने के कारण ससमय सहायता भी नहीं प्राप्त हो पाती है और यह जान के लिए महंगा साबित होता है। सीटबेल्ट और गुणवत्ता पूर्ण हेलमेट होना भी बन रहा कारण
सड़क दुर्घटना में मौत की वजह सीट बेल्ट चार पहिया वाहनों में नहीं लगाने और मोटरसाइकिलों में गुणवत्ता पूर्ण हेलमेट नहीं पहनना भी है। कई बार होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में विशेषज्ञों की टीम ने इस बार पर गौर किया है। उनके अनुसार सड़क दुर्घटना में हेलमेट पहनने की खानापूर्ति ओर घटिया स्तर के हेलमेट लोगों की जान बचाने में असमर्थ साबित हो रहे हैं। चौपारण, बरही, चरही में ऐसी तीन घटनाओं में यह सच भी सामने आया है। सुरक्षा को लेकर गंभीर नही है यातायात विभाग
हेलमेट व सीट बेल्ट सुरक्षा के सबसे बड़े मानक हैं लेकिन इसे लेकर यातायात विभाग बिल्कुल भी गंभीर नही है। हजारीबाग शहर में कभी भी सीट बेल्ट लगाने को लेकर चे¨कग अभियान नही चला। यहां तक कि इसकी जागरूकता को लेकर भी कोई पहल नही की गई है। वही हेलमेट की बात करें तो शहर अभियान शहर के अंदर तक सीमित है। कभी भी हाइवे पर अभियान को नही चलाया गया। जबकि हर दिन हेलमेट नही पहनने की वजह से सड़क दुर्घटना में एक न एक बाइक सवार की जान जाती है।