मछली जीरा उत्पादन में देवनांद ने बनाई राज्य में पहचान
मासूम अमहद, हजारीबाग : एक समय था जब झारखंड राज्य मछली उपभोग के लिए मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश्
मासूम अमहद, हजारीबाग : एक समय था जब झारखंड राज्य मछली उपभोग के लिए मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश पर निर्भर था। मगर धीरे धीरे स्थित बदली और मत्स्य विभाग की पहल पर राज्य में मछली उत्पादन की स्थिति में अपेक्षाकृत सुधार हुआ है। इसके बावजूद मछली जीरा उत्पादन के लिए राज्य दूसरे राज्यों पर आश्रित रहा। अब विभाग इस दिशा में भी सक्रिय हुआ है। विभागीय सचिव द्वारा मछली जीरा उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है। वहीं दूसरी और राज्य में कई ऐसे लोग भी है जो अपने व्यक्तिगत प्रयास की बदौलत मछली जीरा उत्पादन में राज्य भर में अपनी अलग पहचान बनाई है। प्रमंडलीय मुख्यालय हजारीबाग जिले के बरही अनुमंडल अंर्तगत बरसोत निवासी देवानंद कुमार की ऐसी ही अलग पहचान बनी है। अपने व्यक्तिगत प्रयास से स्थानीय स्तर पर समिति बनाकर वह मत्स्य स्पान और जीरा उत्पादन कर रहे हैं। इस कार्य से वह न सिर्फ अच्छी खासी आय प्राप्त कर रहे हैं बल्कि दर्जनों लोगों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं। जीटी रोड से करीब एक किमी दूर बरसोत गांव में मत्स्य बीज उत्पादन के लिए उनके द्वारा नौ छोटे बड़े तालाब बनाए गए हैं। इनमें से एक तालाब 14 एकड़ में फैला हुआ है। इसमें सात हेचरी पुल और 7 ब्री¨डग पूल की सहायता से मछली जीरा उत्पादन का कार्य किया जाता है। कुल 15 दक्ष मजदूरों की सहायता से यह कार्य उनके द्वारा किया जाता है। फिलहाल उनका स्टाक 40 लाख है। वह मत्स्य विभाग को स्पॉन की आपूर्ति की जाती है। उसकी दर 530 रुपए प्रति लाख स्पॉन है। विभाग द्वारा उन्हें एक पिकअप वैन 50 प्रतिशत अनुदान पर दिया गया था। पहले चरण में उनकी समिति द्वारा 16 लाख ऋण लिया था। अब देवानंद कुमार जी अपने कार्य को और विस्तार देना चाहते है। इसके लिए उन्होंने राज्य कापरेटिव बैंक से 60 लाख के ऋण के लिए आवेदन दिया है। मछली जीरा उत्पादन को लेकर स्थानीय स्तर पर कापरेटिक बैंक के प्रबंध निदेशक द्वारा उनके तालाब और परियोजना का निरीक्षण पिछले दिनों किया गया था। - बरही बरसोत निवासी देवानंद कुमार द्वारा मत्स्य पालन और मछली जीरा उत्पादन की दिशा काफी बेहतर कार्य किया जा रहा है। उनके द्वारा राज्य कापरेटिव बैंक से ऋण के लिए आवेदन दिया है जो प्रक्रियाधीन है। वैसे उनके तालाब और मछली जीरा उत्पादन कार्य का निरीक्षण करने हम लोग पिछले दिनों वहां गए थे। इलाके में उनके कार्य को लोग सम्मान की ²ष्टि से देखते हैं। उनके कार्यों से सीख लेते हुए अन्य लोगों को भी इस दिशा में कार्य कराना चाहिए। - लुइस टोप्पो, एमडी कापरेटिव बैंक
हजारीबाग सह जिला सहकारिता पदाधिकारी -