नाकाफी है पुलिसिया जांच, हो रही लीपापोती
हजारीबाग : 14 जुलाई को माहेश्वरी परिवार की संदिग्ध परिस्थिति में हुई मौत के बाद शुरू हुई पुलिसिया जा
हजारीबाग : 14 जुलाई को माहेश्वरी परिवार की संदिग्ध परिस्थिति में हुई मौत के बाद शुरू हुई पुलिसिया जांच एक माह बाद भी कोई नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। पुलिस पूरे मामले की लीपा पोती कर रही है। पुलिसिया जांच पूरे प्रकरण में नाकाफी है। मारवाड़ी समाज जांच से असंतुष्ट है और इसके उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। उक्त बातें अग्रवाल भवन में प्रेसवार्ता के दौरान मारवाड़ी समाज के शंभूलाल चौधरी ने कहीं।
माहेश्वरी परिवार के खाते, उसमें जमा रकम, उनके 17 बीमा पालिसी और उसमें जाम प्रीमियम पर खुलकर बोलते हुए समाज के लोगों ने कहा कि पुलिस जानबूझकर जांच को धीमा कर दी है। बताया कि कहीं से कोई प्रमाण नहीं मिले, जिससे यह कहा जा सके की परिवार कर्ज में था और स्वेच्छा से मौत को गले लगाया। वहीं मारवाड़ी समाज के पदाधिकारियों ने कहा कि आज भी पुलिस के पास खाता बही के बारे मे कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। उमेश रंजन जो उसके सबसे विश्वसनीय सहयोगी थे, उसके बारे में भी आधी अधूरी जांच की गई। समाज के लोगों ने सांसद जयंत सिन्हा पर भी खीज उतारते हुए कहा कि वे परिवार के साथ खड़ा होना तो दूर की बात है एक शब्द बोलना भी मुनासिब नहीं समझा। पूरे मामले में न्यायिक जांच की मांग मारवाड़ी समाज ने सरकार से की है।