पूजनोत्सव व कोविड के मद्देनजर लागू की गई निषेधाज्ञा
जासं हजारीबाग सदर अनुमंडल अधिकारी विद्याभूषण कुमार ने दुर्गा पूजा एवं कोविड-19 संक्रमण को लेकर निषेधाज्ञा लागू की गई।
जासं, हजारीबाग : सदर अनुमंडल अधिकारी विद्याभूषण कुमार ने दुर्गा पूजा एवं कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा नई गाइडलाइन को लागू कराने एवं संभावित भीड़- भाड़ को नियंत्रित करने सहित विधि व्यवस्था के मद्देनजर 26 अक्टूबर तक सदर अनुमंडल क्षेत्र में एहतियातन धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू किया है। इसके तहत सीमित लोगों की मौजूदगी में पूजा अर्चना की अनुमति व मूर्ति विसर्जन की अनुमति रहेगी। प्रशासन द्वारा अपील की गई है कि कोरोना से बचाव के लिए दो गज की दूरी बेहद जरूरी है। मास्क का अनिवार्य रूप से प्रयोग करें, व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें। सरकार व जिला प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पूर्ण पालन किया जाना चाहिए।
इन दिशा-निर्देशों के अनुपालन का किया गया आग्रह
दुर्गा पूजा का आयोजन मंदिर, घरों के अलावा छोटे स्तर पर तैयार पंडालों, मंडप में किया जा सकता है। पंडाल, मंडप को ऐसा बनाया जाना है, जिसमें बाहर से कोई मूर्ति या प्रतिमा नहीं दिख सके और ना भीड़ लग सके। पंडाल, मंडल किसी प्रकार की थीम पर नहीं बननी चाहिए। पूजा पंडाल, मंडप एवं उसके चारों तरफ किसी भी तरह की लाइटिग से सजावट नहीं होनी चाहिए। किसी भी तरह का तोरण द्वार या स्वागत गेट नहीं बनाया जाएगा। पूजा पंडाल, मंडप सिर्फ ढंका हुआ रहेगा तथा शेष भाग खुला हुआ रहना चाहिए। प्रतिमा की अधिकतम ऊंचाई चार फीट से अधिक नहीं होनी चाहिए। त्योहार के दौरान किसी भी तरह के मेला का आयोजन नहीं होगा। पंडाल, मंडप में एक समय में पुजारी, आयोजक एवं उनके सहयोगी को मिलाकर कुल सात लोग ही रह सकते हैं। किसी भी तरह का विसर्जन, जुलूस नहीं निकलेगा। सिर्फ जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित तालाबों में सादगी से प्रतिमा विसर्जन दुर्गा पूजा समिति द्वारा किया जाएगा। किसी तरह का पंडाल या मूर्ति का उद्घाटन कार्यक्रम नहीं होंगे। किसी तरह का गरबा या डांडिया का कार्यक्रम आयोजित नहीं होगा।
रावण पुतला दहन या किसी तरह के बड़े आयोजन करने पर रोक
दुर्गा पूजा के अवसर पर रावण पुतला दहन या ऐसे किसी तरह के बड़े आयोजन करने पर रोक रहेगी। सारे आयोजन के दौरान जो आयोजक और पुजारी हैं, वे मास्क पहने होने चाहिए। 6 फीट का पब्लिक डिस्टेंस होना जरूरी है। जो लोग पूजा पंडाल या मंडप में होंगे, वे सफाई का ख्याल रखेंगे और कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करेंगे। नियमों का उल्लंघन करने की स्थिति में संबंधित के विरुद्ध नियम संगत कार्रवाई की जाएगी। पंडालों का निर्माण कोविड-19 में दिए गए निर्देश के आलोक में छोटा किया जाय तथा उसमें नायलॉन, सिथेटिक और ज्वलनशील पदार्थों का उपयोग न किया जाय। सभी पंडालों में अग्निशामक की व्यवस्था रखने की आवश्यकता है। अग्निशामक छोटे पोर्टेबल के साथ चिन्हित स्थानों में वाहन के रूप में भी हो। पूजा पंडालों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। मंत्रोच्चार के लिए लाउडस्पीकर की अनुमति दी गई है। केवल 55 डेसिबल तक लाउडस्पीकर से मंत्रोच्चार किया जा सकेगा। इसके अलावा किसी प्रकार का प्री-रिकॉर्डेड ऑडियो बजाने की अनुमति नहीं होगी। पंडाल में सभी महत्वपूर्ण दूरभाष संख्या सहज ²श्य स्थान में रखा जाय ताकि लोगों द्वारा आवश्यक होने पर उनसे संपर्क किया जा सके।