जनजातियों की समस्याओं पर हुआ विचार मंथन
इंडियन एंथ्रोपालॉजी सोसायटी के तीन दिवसीय सम्मेलन के दूसरे दिन मंग
जागरण संवाददाता, हजारीबाग: इंडियन एंथ्रोपालॉजी सोसायटी के तीन दिवसीय सम्मेलन के दूसरे दिन मंगलवार को विशेषज्ञों की उपस्थिति में पूरे समय विचार विमर्श का सिलसिला जारी रहा। कुल चार समानांतर सत्रों में लगभग तीन दर्जन से भी अधिक पेपर पढ़े गए। मुख्य सत्र में पैनल पर चर्चा हुई तथा विचारों के इस महाकुंभ से कई नए तथ्य उभर कर सामने आए। अंतर विषयक शोध पर आधारित परिचर्चा मुख्यत: जनजातियों की समस्याओं पर आधारित था। सत्र की अध्यक्षता प्रो. विजय शंकर सहाय ने की। सम्मेलन में देश के विभिन्न राज्य से आए हुए प्रतिनिधियों ने शिरकत की। इसमें भारतीय सांख्यिकी विभाग कोलकाता के एससी बेहरा रजत क्रांति दास, वरूण मुखोपाध्याय, प्रो. सरित चौधरी, सुचिता राय चौधरी, केरल की चित्रा बेबी, मणिपुर विविकी रोजलिका पामी, दिल्ली के संपूर्ण गोस्वामी, हैदाराबाद की चांदनी बेग समेत कई महत्वपूर्ण विद्वान उपस्थित थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में संयोजक गंगानाथ झा, डॉ. विनोद रंजन, डॉ. रूफिना तिर्की समेत मानव विज्ञान विभाग के सभी विद्यार्थीगणों ने भरपूर सहयोग दी।