बेटियों ने उठाया जलस्रोतों को पुनर्जीवित करने का बीड़ा
हजारीबाग : हजार बागों और तालाबों से दूर कंक्रीट का शहर बनते हजारीबाग में अब राजनीतिक और सामाजिक कार्
हजारीबाग : हजार बागों और तालाबों से दूर कंक्रीट का शहर बनते हजारीबाग में अब राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं की चुप्पी के बार बेटियों ने सुख चुके जल स्त्रोतों को पुनर्जीवित करने का बीड़ा उठाया है। सोमवार को इसकी शुरुआत कटगमदाग के सिरसी तालाब से की गई। जहां चिल्लाती धूप में ग्रामीणों को जागरुक करने के बाद तालाब में वृहद सफाई अभियान चलाया।
सफाई अभियान छात्राएं स्वच्छ भारत समर इंटर्नशिप के तहत चला रही है। केबी महिला महाविद्यालय के छात्राओं बकायदा पिछले चार दिन से तालाब की सफाई को लेकर छात्राएं ग्रामीणों को जागरुक कर रही थी। स्वंय की प्रेरणा से एनएसएस की ये छात्राएं तालाब की सफाई अभियान चला रही है। तालाबों को बचाने और सुख चुके जलस्रोतों को पुर्नजीवित करने वाली ये छात्राएं पूजा कुमारी, राखी कुमारी, पूनम कुमारी, मोनिका कुमारी, मनीषा कुमारी,मधु कुमारी, शिवानी करण, कोमल कुमारी, मनीषा मेहता, कविता कुमारी की टीम है।
-------------------- गांव-गांव घूमकर कर रही हैं जागरण :
छात्राएं गांव गांव घूम कर तालाब और उनसे होने वाले फायदे, इसे बचाने के उपाय के बारे में लोगों को बता रही है। ज्ञात हो कि प्रचार्य डा. रेखा रानी भी स्वंय तालाबों के प्रति जागरुकता रखती है और जल स्रोतों के संरक्षण का कार्य करती है। उनकी प्रेरणा से ही छात्राएं सिरसी में तालाबों की सफाई करने पहुंची थीं।
------------------- छठ तालाब की सफाई करेगी संघ की जिला प्रचार टोली :
तालाबों को लेकर दैनिक जागरण द्वारा चलाए जा रहे अभियान के बाद आरएसएस की जिला प्रचार टोली इंद्रपुरी स्थित छठ तालाब की सफाई का जिम्मा ली है। प्रचार टोली के सदस्य चंदन मेहता, संतोष कुमार यादव, प्रमोद मेहता, विशाल कुमार, सौरभ कुमार, अर¨वद राणा, राजेश मेहता, शिक्षक संजय कुमार, प्रेम कुमार राणा, महेंद्र कुमार राणा, विश्वनाथ सोनी, दिगंबर कुमार सप्ताह में एक दिन रविवार को छठ तालाब की साफ सफाई अभियान चलाएंगे। ज्ञात हो कि इस तालाब को तत्कालीन एसडीओ शशि रंजन ने पुनर्जीवित किया था। जिला प्रचार टोली के संतोष कुमार यादव के पहल पर अब संघ की टोली इस तालाब को गोद लिया है।
------------------- कचरे का डंपिग यार्ड व मजनुओं का बसेरा बना बुढ़वा महादेव तालाब :
कभी मीठे पानी का जलस्रोत कहा जाने वाला बुढ़वा महादेव तालाब कचरे का डंपिग यार्ड बन गया है। तालाब से निकलने वाली मिट्टियों का टीला मजनुओं का आश्रयस्थल बन गया है। स्थिति यह है कि कचरों औश्र मिट्टी के डंपिग यार्ड के कारण तालाब की खूबसूरती भी खो गई है। अब इसका प्रयोग महिला कालेज के आसपास लगने वाले दूकान हाट के लोग कचरा डालने में प्रयोग कर रहे है। जबकि शिव मंदिर के लिए बुढ़वा महादेव तालाब और श्राद्धकर्म के लिए इस तालाब की विशेष महत्व है।
-------------------- निगम के प्रयास से हट सकती है तालाब में डाली गई मिट्टी :
नगर निगम अगर थोड़ा प्रयास करे तो बुढ़वा महादेव तालाब की खूबसूरती में चार चांद लग सकती है। तालाब के उपर पड़े मिट्टी के ढेर को रामकी कंपनी को बोलकर एनएच निर्माण में उसे लगा सकती है। ठीक इसी तरह का प्रयोग एसडीएम आदित्य रंजन ने झील में की। बुढ़वा महादेव तालाब की मिट्टी एनएच के लिए बेहतर है। पूर्व में भी कई अभियंताओं ने इसके बारे में बताया ह