चार साल की थी जब शहीद पिता को दी थी सलामी, आज ली देश सेवा की शपथ
अरविद राणा हजारीबाग 2504 दारोगा में कई ऐसे परिवार थे जिनकी कुर्बानी बरबस ध्यान आकषि
अरविद राणा हजारीबाग : 2504 दारोगा में कई ऐसे परिवार थे, जिनकी कुर्बानी बरबस ध्यान आकर्षित करती है। इनमें एक बेटी ऐसी भी थी, जिसके पिता ने देश सेवा के लिए कारगिल युद्ध में अपनी शहादत दी और आज बेटी ने देश सेवा के लिए पुलिस में योगदान दिया। हम बात कर रहे है कारगिल शहीद गुमला के सिसई निवासी हवलदार बिरसा उराव की। आपरेशन विजय के दौरान इनकी शहादत हुई थी और उस वक्त उनकी दारोगा बनी बेटी पूजा विभूति उरांव महज चार साल की थी। आज जब विभूति ने दारोगा पद की शपथ ली तो इस मौके पर पूरा परिवार साक्षी बना। इनमें राज्य सभा सांसद समीर उराव भी शामिल है। समीर उरांव पूजा विभूति के मामा हैं और उनके साथ ही पूरा परिवार समारोह में शामिल होने आया था। आम आदमी की तरह सांसद ने दर्शक दीर्घा में स्थान ग्रहण किया और परिवार के साथ भांजी से मुलाकात करने के बाद घर को लौट गए। मौके पर विभूति के मां, दादा, भाई व अन्य परिवार के लोग थे। विभूति पहली बेटी है, जो सरकारी नौकरी में जा रही है।