झारखंड का पहला Highway, जहां आपके सफर पर तीसरी आंख की नजर; जानें कैसे होगी निगहबानी
एनएच-33 पर हजारीबाग से बरही तक 40 किमी की दूरी कैमरे की जद में रहेगी। सुरक्षा दृष्टिकोण से हर किलोमीटर पर उच्च तकनीक वाला कैमरा लगाया जा रहा है।
हजारीबाग, [विकास कुमार]। हजारीबाग-बरही मार्ग (एनएच- 33) पर वाहनों की अब हर गतिविधि पर नजर रहेगी। यह राज्य की पहली सड़क होगी, जिसमें क्लोज सर्किट टेलीविजन (सीसीटीवी) के कैमरे से निगाह रखी जाएगी। हजारीबाग से बरही तक 40 किलोमीटर तक का सफर अब कैमरे की जद में रहेगा। इसे लेकर नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) के हजारीबाग कार्यालय ने पहल की है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से प्रत्येक एक किलोमीटर के दायरे में उच्च तकनीक वाले कैमरे लगाए जाएंगे।
इन कैमरों की इतनी क्षमता होगी कि ये 500 मीटर से अधिक दूरी तक के वाहनों के नंबरों की पहचान कर सकेंगे। साथ ही, नगवां के पास निर्माणाधीन टोल प्लाजा पर कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। जानकारी के मुताबिक शुरुआत में एक्सीडेंट जोन की पहचान करने के लिए पहले कुछ स्थानों पर ही कैमरे लगाने की योजना थी। लेकिन, लगातार दुर्घटनाओं की संभावनाओं को कम करने के लिए पूरी सड़क को सीसीटीवी से लैस किया जा रहा है। हजारीबाग बाइपास होते हुए कैमरे की नजर बरही चौक तक होगी।
पुलिस के लिए भी सुविधाजनक, हादसों के वजहों की मिलेगी जानकारी
वैसे तो हाइवे पर कैमरे लगाने का मकसद सड़क दुर्घटनाओं को कम करना और ब्लैक स्पॉट की पहचान करना है। इससे ओवरस्पीड में चल रहे वाहनों की पहचान आसानी से हो सकेगी। साथ ही, उच्च तकनीक के कैमरे पुलिस के लिए भी काफी मददगार साबित होंगे। आपराधिक घटनाओं की पड़ताल में यह कैमरे काफी मददगार बनेंगे। वर्तमान में बरही-हजारीबाग का फोरलेन का निर्माण कार्य 90 फीसद पूरा हो चुका है। ऐसे में कैमरे लगाने की प्रक्रिया भी जल्द प्रारंभ की जाएगी।
यह राज्य का पहला राजमार्ग होगा जहां प्रत्येक किलोमीटर पर कैमरा लगा होगा। इससे दुर्घटनाओं का कारण तलाशना आसान होगा। साथ ही, यह दुर्घटनाओं में कमी लाने में मददगार साबित होगा। - पीसी काहिली, प्रोजेक्ट निदेशक, एनएचएआइ, हजारीबाग।