बिहार चुनाव में ई बार नकली शराब भी बा..
विकास कुमार हजारीबाग बिहार चुनाव में ई बा.. और बिहार में का बा.. के बोल खूब प्रचलित
विकास कुमार हजारीबाग: बिहार चुनाव में ई बा.. और बिहार में का बा.. के बोल खूब प्रचलित हो चुके हैं। चुनावी मैदान में सत्ता पक्ष और विपक्ष इसी बोल को हथियार बनाकर एक-दूसरे पर वार-प्रतिवार कर रहे हैं। लेकिन, ई बार बिहार चुनाव में झारखंड के जंगल में बनल नकली शराब भी बा। इसकी तसदीक हाल के दिनों में झारखंड-बिहार सीमा से लगे हजारीबाग व अन्य जिलों में की गई छापेमारी कर रही है। यहां से नकली शराब ब्रांडेड शराब की बोतलों में पैकिग कर धड़ल्ले से बिहार भेजी जा रही है। उत्पाद विभाग की टीम ने 19 अक्टूबर को ही बिहार के गया सीमा से सटे चौपारण के सियरकोनी में छापेमारी की थी। यहां से करीब 450 लीटर शराब बरामद किए गए थे। छापेमारी के दौरान ब्रांडेड शराब की खाली बोतलें, शराब बनाने के उपकरण, कच्चा स्प्रिट और हरियाणा और पंजाब के करीब 10 हजार स्टीकर बरामद किए गए थे। इससे पहले तीन सितंबर को भी चौपारण में ही एक मिनी शराब फैक्ट्री का पर्दाफाश हुआ था। इस दौरान भी भारी मात्रा में स्टीकर, खाली बोतलें और होलोग्राम बरामद किया गया था। वहीं एक माह की बात करें तो विष्णुगढ़, चौपारण समेत अन्य स्थानों से करीब 40 हजार से अधिक स्टीकर बरामद किए गए हैं। स्टीकर के जरिए तस्कर नकली शराब को पंजाब-हरियाणा का असली शराब बताकर उसे बिहार भेज रहे हैं। चुनाव आते ही धंधे ने पकड़ा जोर दूसरे राज्यों का स्टीकर लगाकर शराब तस्करों के द्वारा नकली को असली बनाने का खेल लंबे समय से खेला जा रहा है। लेकिन, चुनाव आते ही नकली को असली बनाने के खेल ने जोर पकड़ लिया है। दिसंबर 2018 में तो गिरिडीह जिले के चतरो में 1600 पेटी शराब बरामद हुए थे। तब यहां से भी दूसरे राज्यों के स्टीकर बरामद किए गए थे।
--------------- उत्पाद विभाग ने छापेमारी में नकली स्टीकर पकड़ा है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि जिले में शराब पंजाब-हरियाणा से नहीं लाया जा रहा है। बल्कि यहीं नकली शराब तैयार किया जा रहा है। केवल स्टीकर लगाकर दो नंबर को एक नंबर बनाया जा रहा है।
विजय मेहता, सहायक आयुक्त, उत्पाद विभाग, हजारीबाग