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जेल में सामाजिक सौहार्द का बने उदाहरण

हजारीबाग : बोकारो में आज से 17 वर्ष पूर्व हुए साम्प्रदायिक दंगे में हत्या के 10 आरोपियों को

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Oct 2018 10:19 PM (IST)Updated: Tue, 02 Oct 2018 10:19 PM (IST)
जेल में सामाजिक सौहार्द का बने उदाहरण
जेल में सामाजिक सौहार्द का बने उदाहरण

हजारीबाग : बोकारो में आज से 17 वर्ष पूर्व हुए साम्प्रदायिक दंगे में हत्या के 10 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा मिली थी। इनमें आठ मुस्लिम और दो ¨हदू थे। ये जेल भले ही हत्या और सांप्रदायिक के आरोप में गए थे लेकिन जेल के अंदर इनके सामाजिक सौहार्द के कार्यो ने इन्हें रिहा भी करा दिया। हम बात कर रहे है गांधी जयंती पर गृह मंत्रालय के आदेश पर जेपी कारा से रिहा होने वाले सभी नौ कैदियों की, जिन्होंने जेल में अपनी सजा ही पूरी नहीं की बल्कि शिक्षक के रूप में अपने आप को स्थापित कर हुनरमंद भी बना दिया। जेल में उनके योगदान के लिए उन्हें दो अक्टूबर को रिहा किया गया है।

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पांच सौ निरक्षर को साक्षर बनाया, कक्षा आठ तक दे रहा था शिक्षा

हत्या के और दंगा भड़काने के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहे फिरोज शाह ने पिछले 14 वर्ष सजा काटी है। इस दौरान नौ सालों में उसने 500 निरक्षर कैदियों को साक्षर बनाया और करीब डेढ़ सौ कैदियों को कक्षा आठ तक पढ़ाते हुए मैट्रिक की परीक्षा पास करा दी। गृह मंत्रालय के निदेश पर फिरोज जब रिहा हुआ तो उसके पास दो तरह के आंसू थे। परिजनों से मिलने की खुशी तो दूसरी ओर जेल में उनके बनाए गए वे विद्यार्थी जिन्हें वो छोड़ कर जा रहा था। पूरा जेल अपने शिक्षक रूपी कैदी को रिहा होने पर खुशी और शिक्षक को खोने का गम में था।

-------- खानदानी टेलर मास्टर है, जेल में भी 250 को बना दिया टेलर

फोटो -72

फिरोज की तरह अब्बास अंसारी भी हत्या और दंगा के आरोप में 17 वर्ष की सजा काटी है। खानदानी रुप से टेलर का काम करने वाले अब्बास ने अपने उपर लगे सांप्रदायिक का दाग मिटा दिया। जेल में उसने करीब 250 लोगों को टेल¨रग का मास्टर बनाया है। इनमें ¨हदू व मुस्लिम दोनों थे। जेपी कारा अब्बास अंसारी द्वारा बनाए जा रहे फैंसी फ्रॉक व अन्य की दुकान खोलने जा रहा है। जहां अब्बास के बनाए सामान मिलेंगे। लेकिन अफसोस अब्बास अपने हाथों से बनाए सामानों की दुकान को नहीं देख पाएगा। लेकिन जेल खुशी इस बात का मना रहा था कि अब्बास के सिखाए हुनर से अब वे जेल के बाहर रहकर बच्चों का कपड़ा खरीद सकेंगे।

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जेल में ही बन गया कारपेंटर, 165 को दिया प्रशिक्षण

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बोकारों से ही हत्या और दंगा के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे प्रमोद पिल्लई ओडिशा निवासी ने जेल में ही गोदरेज, जैसे स्टील के फर्नीचर बनाने का प्रशिक्षण लिया। इसके बाद वह कुशल करीगर बन गया। इस दौरान उसने 165 लोगों को प्रशिक्षण देकर मास्टर बना दिया है। जेपी कारा के बने फर्नीचर राज्य भर में सप्लाई किए जाते है। पिल्लई ने लोगों को बताया कि दाग भले ही उस पर दंगा का था लेकिन स्वयं के प्रयास से जेल में यह दाग छुड़ाने का प्रयास किया और अब समाज में भी यह कार्य करेंगे।


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