शहर में सूखे पेड़ खतरों को दे रहे हैं दावत
हलकी आंधी में सभी सूखे पेड़ हो सकते हैं धाराशायी काटने की पहल नहीं बिजली तार व पोल से
हलकी आंधी में सभी सूखे पेड़ हो सकते हैं धाराशायी, काटने की पहल नहीं
बिजली तार व पोल से उलझी हैं कई पेड़ों की शाखाएं, निगम उदासीन जासं, हजारीबाग : सूखे पेड़ ऐसे तो पर्यावरण संरक्षण में किसी काम के नहीं होते है मगर शहर और नगर निगम क्षेत्र में इन दिनों दर्जनों सूखे पेड़ खतरे को दावत देते दिखाई दे रहे हैं। शहर के व्यस्ततम मार्गों और रिहायशी इलाकों में यह सूखे पेड़ किनारे ऐसे तो मजबूती के साथ खड़े दिखाई देते हैं मगर हालत यह है कि अगर हल्की आंधी भी चली तो यह धाराशायी होकर जानलेवा साबित हो सकते हैं। कई सूखे पेड़ शहर के रिहायशी इलाकों में भी दिखाई दे जाते हैं। इसके अलावा शहर के आस-पास के कस्बों और प्रखंड मुख्यालय में भी यही नजारा देखने को मिल जाता है। इसके साथ ही साथ ऐसे सूखे पेड़ शहर के बिजली तारों व खंभों के लिए भी खतरा बने हुए हैं। कई इलाकों में ऐसे सूखे पेडों की शाखाएं बिजली तारों में भी उलझी हुई हैं। यानी अगर ऐसे पेड़ गिरते हैं तो यह अपने साथ बिजली तारों और खंभों को भी धाराशायी कर सकते हैं। इस मामले में वन विभाग द्वारा सरकारी गाइडलाइन और दिशानिर्देश का हवाला देते हुए पल्ला झाड़ लिया जाता है। विभाग का कहना है कि जहां तक सूखे पेड़ों के निस्तारण की बात है तो सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि जिसकी जमीन में ऐसे पेड़ हैं उनके द्वारा आनलाइन आवेदन देना होगा। इसके बाद एक सप्ताह में विभाग द्वारा उनके निस्तारण की कार्रवाई कर दी जाएगी। जहां तक शहरी क्षेत्र के सूखे पेडों की बात है तो अधिकांश पेड़ नगर निगम की जमीन में पर हैं, इस मामले को लेकर निगम को पहल करनी चाहिए। बाताया जाता कि इस मामले को लेकर निगम की ओर से पूर्व में पत्राचार किया गया था। लेकिन वर्तमान में निगम के जनप्रतिनिधियों और नगर आयुक्त के बीच जारी विवाद के कारण यह मामला ठंडे बस्ते चला गया है।
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जहां तक नगर निगम क्षेत्र में सूखे पेड़ों की बात है तो इसको लेकर पूर्व में निगम द्वारा वन विभाग से पत्राचार कर मामले को संज्ञान में दिया गया था। मगर वर्तमान में कोरोना संक्रमण और तीसरी लहर को देखते हुए पहल नहीं की गई है।
रौशनी तिर्की, महापौर
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इस बारे में सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि जमीन का मालिक इस संबंध में आवेदन दे सकता है। आनलाइन आवेदन देने के एक सप्ताह के भीतर ही निष्पादन कर दिया जाएगा - आरएन मिश्रा, डीएफओ पश्चिमी हजारीबाग।
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