बजट :शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार की हो व्यवस्था, महंगाई पर लगे रोक
संसू बरही (हजारीबाग) वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पहली बार झारखंड के नवनिर्मित विधानसभा भ
संसू, बरही (हजारीबाग) : वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पहली बार झारखंड के नवनिर्मित विधानसभा भवन में झारखंड सरकार के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव पेश करने वाले हैं। कोरोना महामारी ने सरकार की ही नहीं, आम आदमी की भी बैलेंस शीट को बिगाड़ी है। कोविड काल के बाद सरकार के समक्ष राज्य की वित्तीय स्थिति को पटरी पर लाने की चुनौती है तो दूसरी ओर आम लोगों को भी राज्य के नए बजट से काफी अपेक्षाएं हैं। बरही के भी वासी कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान बुरी तरह से प्रभावित व्यवसाय व रोजगार को पटरी पर लाने, कृषि क्षेत्र में राहत देने, स्वास्थ्य व शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने और महंगाई पर रोक लगाने वाला वजट की मांग कर रहे हैं। बरही वासी इस बाबत झारखंड के आगामी आम बजट को लेकर प्रतिक्रियाएं दी है।
-------------
1. फोटो - 29
मनोज कुमार साव ने कहा कि बजट वर्तमान समय, संदर्भ एवं परिवेश के अनुरूप झारखंड के आमजनों कि उच्च आकांक्षाओं को पूरा करने वाला एक संतुलित और वास्तविक बजट हो। लॉकडाउन व कोविड के कारण काम-काज पर व्यापक प्रभाव पड़ने से सरकार से लेकर आम जनता तक पर व्यापक असर आर्थिक स्थिति पर पड़ा है। अत: शिक्षा स्वास्थ्य, रोजगार को पटरी पर लाने वाला बजट हो।
2. फोटो - 32
दुलार यादव (समाजसेवी) ने कहा कि बजट को गांव-गरीब-किसान और मजदूरों का बजट पेश हो ताकि ये बजट आने वाले समय में लंबी छलांग लगाने वाला साबित हो सके। आम लोगों की आकांक्षा और जरूरतों को पूरा करने वाला बजट हो और आधारभूत संरचना को मजबूत करने के साथ नौकरी के अवसर बढ़ाने वाला बजट बन सके।
3. फोटो - 25
अमित कुमार केशरी ने कहा कि वर्तमान समय को देखते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं को प्राथमिकता मिले। जिससे आमजन को लाभ पहुंच सके। कृषि, व्यवसाय, उद्योग धंधों व पर्यटन को बढ़ावा मिले, जिससे लोगों को रोजगार मिल सके। ताकि राज्य में पलायन और महंगाई पर रोक लगाने में भी मदद मिल सके।
4. फोटो - 28
मेराज अंसारी ने कहा बरहीवासी जल समस्या का समाधान चाहते हैं।बरही में करीब 4 वर्षों से जलापूर्ति व्यवस्था पूरी तरह से ठप है। वहीं राज्य योजना के तहत डीवीसी के द्वारा संपोषित बरही ग्रामीण जलापूर्ति योजना की यह नई जलापूर्ति योजना 26 सितंबर 2013 को शिलान्यास किया गया था, डीवीसी ने अब अपना कदम पीछे कर लिया है।
5. फोटो - 27
दीपक गुप्ता ने कहा कि लॉकडाउन और कोरोना काल के कारण राज्य भर में शिक्षा व्यवस्था चरमरा चुकी है। निजी विद्यालय एवं इंस्टीट्यूट का हाल बेहाल है। जिससे आमजन व विद्यार्थियों को लाभ पहुंच सके। साथ ही कृषि, उद्योग धंधों व पर्यटन को बढ़ावा मिले, जिससे लोगों को रोजगार मिल सके।
6. फोटो - 31
शंकर सिंह ने कहा कि करीब एक वर्ष तक कोरोना संक्रमण काल में राज्य की जनता ने कई मुश्किलें झेली है। जनता पर किसी तरह के नए टैक्स का बोझ नहीं डाला जाए। व्यवसायी वर्ग के भी लोगों की भी हालत काफी खराब है। बजट में व्यवसायियों का ख्याल रखा जाए।
7. फोटो - 26
मिथलेश यादव ने कहा कि कोरोना महामारी में शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। उनके साथ जुड़े अन्य शिक्षक एवं शिक्षा कर्मी भी फटे हाल स्थिति में आ गए हैं ऐसे में नए बजट से उन्हें कई उम्मीदें हैं।