प्रभावित क्षेत्र से 600 लीटर केरोसिन लिया गया वापस, जांच के लिए फिर से भेजे गए 38 सैंपल
जासं हजारीबाग जिले में अमनारी एवं सरोनी ग्राम में जनवितरण दुकानों में आइओसीएल कंपनी के
जासं, हजारीबाग : जिले में अमनारी एवं सरोनी ग्राम में जनवितरण दुकानों में आइओसीएल कंपनी के केरोसिन तेल से हुए विस्फोट से हुई चार मौतों के बात प्रशासन और विभाग पूरी तरह से सक्रिय हो गया है। घटना के बाद क्षेत्र के सभी पीडीएस 37 डीलरों के गोदाम से संबंधित टैंकर से वितरित केरोसिन तेल के बाकी बचे स्टॉक का उठाव कर लिया गया। वहीं दूसरी ओर क्षेत्र के उन डीलरों के माध्यम से करीब 1100 कार्डधारियों से अभियान चलाकर करीब 600 लीटर केरोसिन का उठाव किया गया। वही उपायुक्त ने बताया कि गोदाम से भेजे गए दो सैंपल की रिपोर्ट सामान्य आई थी। चार सैंपल की रिपोर्ट आनी बाकी है। इसके अलावा दोबारा सोमवार भी को अलग-अलग स्थानों से 38 सैंपल जांच को भेजे गए हैं। इनमें एक सैंपल एसएफएल को भी भेजी गई है। मुआवजे को लेकर आइओसीएल से बैठक की भी जा रही है। जिला प्रशासन द्वारा प्रभावित लोगों को सरकारी योजना से आवास देने की पहल भी हो रही है। समाहरणालय सभागार में सोमवार को हुई विकास संबंधी बैठक में बाबासाहेब अंबेडकर आवास योजना से प्रभावितों को आवास देने की चर्चा की गई।
वही केरोसिन उठाव की कार्रवाई में आपूर्ति विभाग और जिला प्रशासन की 100 सदस्यों वाली छह टीम शामिल थी। टीम द्वारा सोमवार को भी डोर-टू-डोर अभियान चलाकर केरोसिन का उठाव किया। साथ ही साथ क्षेत्र में माइक द्वारा लोगों को संबंधित केरोसिन का उपयोग नहीं करने को लेकर जागरूक भी किया गया। हालांकि घटना को लेकर मिली प्रारंभिक जांच में प्रथम ²ष्टया केरोसिन में उच्च ज्वलनशील पदार्थ की मिलावट की बात सामने आ चुकी है और इसी के आधार पर ट्रेडिग एजेंसी आर्मी ट्रेडिग कंपनी के विरुद्ध मुफ्फसिल थाने में सदर प्रखंड के आपूर्ति पदाधिकारी द्वारा प्राथमिकी का आवेदन दिया गया था।
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एक साथ उठी मां बेटे की अर्थी, रोया पूरा गांव
वही रविवार की रात केरोसिन विस्फोट में जान गंवाने वाली यशोदा और उसके 11 वर्षीय आयुष की अर्थी एक साथ उठी। रविवार की देर रात दोनों का शव जब गांव पहुंचा तो पूरे गांव में मातम छा गया। हर किसी के आंख में आंसू थे। अपनी बहू और पोते को खोने वाले दिव्यांग तुलसी ठाकुर तो बार-बार बेहोश हो जा रहे थे। उनका कहना था कि उनके पूरे परिवार को प्रशासनिक लापरवाही ने उजाड़ दिया। बड़ा पोता अब भी जिदगी और मौत की जंग लड़ रहा है। फिलहाल उसका इलाज रिम्स में चल रहा है। देर रात की मां और बेटे का अंतिम संस्कार किया गया। वही पंचायत के मुखिया अनूप कुमार ने बताया कि अब तक मुआवजे को लेकर कोई पहल प्रशासन के द्वारा नही की गई है। हादसे में मारे गए लोगों के लिए 10 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की गई है।