अवैध परिचालन करते पकड़ी गई 21 बसें
संवाद सहयोगी हजारीबाग राज्य में सवारी वाहन के परिचालन पर पाबंदी के बावजूद सड़कों पर
संवाद सहयोगी हजारीबाग : राज्य में सवारी वाहन के परिचालन पर पाबंदी के बावजूद सड़कों पर बेखौफ सवारी बसे दौड़ रही है। ऐसे हीं 21 बसों को अवैध परिचालन करते शुक्रवार रात परिवहन विभाग ने पकड़ा है। सभी बसे बिहार की हैं और कोलकत्ता जा रही थी। झारखंड- बिहार सीमा स्थित चोरदाहा चेकपोस्ट पर कार्रवाई की गई। परिवहन पदाधिकारी संतोष कुमार की अगुवाई में बसों को पकड़ा गया। जांच के बाद इनके परमिट और फिटनेस को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। हालांकि, बसों में सवारी भरे होने के कारण इन्हें बांड पर गंतव्य स्थान तक सवारी छोड़ने की अनुमति दी गई। सभी बसों के कागजात जब्त कर लिए गए हैं। सीजर लिस्ट बनाकर इन्हें 24 घंटे के अंदर बसों को चौपारण थाना में जमा करने का निर्देश जारी किया गया है। प्रतिबंध के बावजूद सड़कों पर सवारी बसों का अवैध परिचालन को लेकर परिवहन विभाग की यह दूसरी कार्रवाई है। इससे पूर्व परिवहन विभाग ने एनएच 33 स्थित कोनार पुल के समीप जांच अभियान चलाकर 14 बसों को पकड़ा था। परिवहन पदाधिकारी संतोष कुमार सिंह के मुताबिक ऐसे बसों पर नजर रखी जा रही है जो चोरी छिपे सड़कों पर सवारियों को ढो रहे हैं। रात करीब 12 बजे सड़कों पर चलाए गए अभियान के बाद एनएच पर हड़कंप मच गया। कई बसें बिहार सीमा में लौट गई। ज्ञात हो कि राज्य में 31 जुलाई तक बसों के परिचालन पर रोक लगाई गई है। इस दौरान राज्य में बिना अनुमति कोई भी बसें सड़कों पर सवारी नहीं ढो सकती है। ऐसा करते पकड़े जाने वाले बसों को ब्लैक लिस्ट करते हुए इनके परमिट भी रद किए जा सकते हैं। छापेमारी दल में चौपारण पुलिस के अलावा परिवहन विभाग के प्रधान सहायक व अन्य शामिल थे। जानकारी के मुताबिक सभी बसों को भारी जुर्माना परिवहन विभाग को देना होगा। 15 दिन पूर्व पकड़े गए बसों से अधिकत्तम एक लाख और न्यूनत्तम 80 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया था।
----------------------
- अवैध परिचालन करने वाले वाहनों को लेकर विशेष जांच अभियान चलाया जा रहा है। 15 दिन पूर्व भी अभियान चला था। शुक्रवार रात भी 21 बसों को पकड़ा गया है। सभी को सीजर दिया गया है और उन्हें 24 घंटे के अंदर बस को जमा करने का निदेश दिया गया है। ऐसा नहीं करने वाले बसों पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
संतोष कुमार सिंह, जिला परिवहन पदाधिकारी, हजारीबाग