संत विनोबा का जीवन राष्ट्र के प्रति रहा समर्पित: कुलसचिव
हजारीबाग संत विनोबा भावे का जीवन राष्ट्र के प्रति समर्पित रहा। जिस काम को मार्क्स लेनिन स्ट
हजारीबाग: संत विनोबा भावे का जीवन राष्ट्र के प्रति समर्पित रहा। जिस काम को मार्क्स, लेनिन, स्टालिन नहीं कर सके। उस कार्य को संत विनोबा भावे ने बिना एक बूंद खून बहाए कर दिखाया। उक्त बातें विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. बंशीधर प्रसाद रूखैयार ने बुधवार को राजनीति विज्ञान विभाग एवं गांधी विनोबा जयप्रकाश चितन केंद्र के तत्वाधान में आयोजित संगोष्ठी में कही। कुलसचिव ने कहा कि बापू ने संत को अपने आश्रम में आशीर्वाद के रूप में स्वागत किया था। संत ने भूदान के माध्यम से पूरे देश में परिवर्त्तन लाने का काम किया था।
डॉ. बीपी सिंह ने कहा कि गांधी के आदर्श विनोबा के चितन में समाहित हैं। प्रथम सत्याग्रही के रूप में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। इतिहास विभाग के डॉ. विकास कुमार ने संत आदर्शों को आत्मसात करने की जरूरत पर बल दिया। संगोष्ठी को डॉ. माग्र्रेट लकडा, डॉ. मृत्युंजय प्रसाद ने संबोधित करते हुए संत विनोबा को भूदान, ग्रामदान का प्रणेता बताया।