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मरीजों के सामने वार्ड में आठ घंटे पड़ी रही लाश

संवाद सहयोगी हजारीबाग सदर अस्पताल प्रबंधन की हालत ऐसी है कि यदि अस्पताल में किसी लावारिस

By JagranEdited By: Published: Wed, 10 Jul 2019 06:49 PM (IST)Updated: Wed, 10 Jul 2019 06:49 PM (IST)
मरीजों के सामने वार्ड में आठ घंटे पड़ी रही लाश
मरीजों के सामने वार्ड में आठ घंटे पड़ी रही लाश

संवाद सहयोगी हजारीबाग : सदर अस्पताल प्रबंधन की हालत ऐसी है कि यदि अस्पताल में किसी लावारिस आदमी की मौत हो जाती है, तो लाश घंटों तक यूं ही पड़ी रहती है। इसका नमूना बुधवार को देखने को मिला, जब एक 75 वर्षीय वृद्ध की मौत सुबह के 8.45 बजे हो गई। शाम पांच बजे तक उसकी लाश सदर अस्पताल के पुरुष वार्ड में पड़ी रही। सदर अस्पताल प्रबंधन द्वारा मुर्दा कल्याण समिति को सूचना नहीं दिए जाने के कारण लाश हटाई नहीं गई। इस कारण वार्ड के अन्य मरीजों व उनके परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

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जानकारी के अनुसार शहर के बंशीलाल चौक निवासी 75 वर्षीय संतोष कुमार (पिता- स्व सीताराम सिह) विगत 5 जुलाई को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती हुए थे। पांच दिनों तक इलाज चलने के बाद बुधवार सुबह 8.45 बजे उनकी मौत हो गई। मौत की पुष्टि ड्यूटी कर रहे डॉक्टर तापस रजक ने की। इसके बाद वार्ड के नर्स व ब्याय द्वारा इसकी सूचना सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा. विजयशंकर को दी गई। इस पर उपाधीक्षक ने सदर थाना को सूचित करने को कहा। लेकिन सुबह से लेकर शाम हो जाने के बाद भी वार्ड से लाश नहीं हटाई गई। इस संबंध में मुर्दा कल्याण समिति के मो. खालिद से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल के उपाधीक्षक द्वारा शाम के चार बजे तक उन्हें किसी प्रकार की कोई सूचना नहीं दी गई है। फिर वे बिना सूचना के सदर अस्पताल से लाश का उठाव कैसे कर सकते हैं। ज्ञात हो कि उपायुक्त द्वारा मुर्दा कल्याण समिति के मो. खालिद को किसी भी लावारिश लाश के सरंक्षण व धर्मिक रीति रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार करने की अनुमति प्रदान की गई है। फिर काफी हो-हल्ला मचने के बाद सदर अस्पताल प्रबंधन द्वारा मुर्दा कल्याण समिति को लाश उठाने के लिए सूचना दी गई।

सदर अस्पताल में दर्ज मृतक के पता के मुताबिक वह स्थानीय बंशीलाल चौक का निवासी था। इसे लेकर पुलिस को सूचना देकर मृतक के परिजनों से संपर्क कर लाश सुपुर्द किए जाने का इंतजार किया जा रहा था। लेकिन किसी परिजन का पता नहीं चलने के कारण उसे मुर्दा कल्याण समिति को सौंप दिया गया। वहीं सदर अस्पताल में शव को रखने के लिए कोई इंतजाम नहीं होने के कारण मृतक के शव को वार्ड में रखा गया, ताकि उसे कुत्ता या अन्य जानवर नोच-खसोट नहीं करे। - डा. विजयशंकर, उपाधीक्षक , सदर अस्पताल, हजारीबाग ।


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