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शहनाइयों की गूंज से बढ़ी रौनक

बरही इस शुभ लगन मुहूर्त में शहनाइयों की गूंज के बीच शादी मंडपों से लेकर बरही अनुमंडल

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 May 2019 08:09 PM (IST)Updated: Tue, 14 May 2019 06:33 AM (IST)
शहनाइयों की गूंज से बढ़ी रौनक
शहनाइयों की गूंज से बढ़ी रौनक

बरही : इस शुभ लगन मुहूर्त में शहनाइयों की गूंज के बीच शादी मंडपों से लेकर बरही अनुमंडल क्षेत्र के बाजारों तक में इन दिनों काफी रौनक बढ़ गई है। शादी ब्याह की खरीदारी को लेकर लोग बाजार का रुख कर रहे हैं। ग्राहकों की पसंद को देखते हुए कई दुकानदारों ने भी अपने अपने प्रतिष्ठानों को नये जमाने के फैशन के साथ अपटूडेट किया है। बाजार ग्राहकों की पसंदीदा वस्तुओं से पट सा गया है। महंगाई के बावजूद उत्साह में कोई कमी नहीं आ रही है। भले ही साम‌र्थ्य के अनुसार उन्हें बजट बना कर ही खरीदारी क्यों नहीं करनी पड़े, लोग अपने अपने स्तर से शादी को यादगार बनाने में लगे हैं। शादी लग्न के इस विशेष मुहूर्त में बाजार में खरीदारों की भीड़ उमड़ रही है। सबसे अधिक ग्राहकों की भीड़ कपड़ा दुकान व किराना दुकान पर देखा जा रहा है। शादी-विवाह को लेकर तिलक में चढ़ाने के लिए बर्तन, बक्सा, एलमीरा, पलंग आदि की दुकान पर भी काफी गहमागहमी देखी जा रही है। सजने -संवरने को श्रृंगार दुकान, मेंहदी, ब्यूटी पार्लर में भी भीड़ है। वहीं बिटिया की शादी में प्रमुख रूप से संपत्ति का श्रृंगार व विपत्ति का आहार माने जाने वाला सोने के गहने व जेवरात बनाने में लोग व्यस्त दिख रहे हैं। सोने की बढ़ी कीमत से ज्वेलर्स की दुकान पर पहुंचने वाले लोग परेशान दिख रहे हैं। शादी कार्ड हाउस भी हाउस फूल की स्थिति में है।

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महंगाई का दिख रहा असर: बाजार में आम लोगों पर महंगाई का असर साफ दिख रहा है। उपभोक्ता जरूरी वस्तुओं की खरीदारी तो कर रहे है। लेकिन सुविधा भोगी व बेफिजूल सामान की खरीदारी में कटौती करते दिख रहे हैं। महंगाई ने उनके चेहरे पर चिता की लकीरें खींच दी है। हर जगह आम लोग शादी-विवाह में उपयोग होने वाले सामग्री खरीदने में जुटे हैं। जिनके घर शादी है सिर्फ वे लोग ही इस शुभ उत्सव में खरीदारी में जुटे हैं ऐसा नहीं है बल्कि उनके रिश्तेदार व निजी दोस्त परिवार लोग भी कपड़ा, बर्तन व उपहार की खरीदारी में जुटे हैं। ग्राहक महंगाई को देखते हुए अपने संचित धन व कमाई का एक-एक पैसा वास्तविक तौर पर उपयोगी वस्तु पर खर्च करना चाहते हैं।

 गांव से शहर तक पंडाल की हो रही सजावट :

लग्न के कमी के चलते अप्रैल बाद मई माह में शादी समारोह की भीड़ -भाड़ अधिक है। लगन के चलते शहर के हर आधा किलोमीटर के दायरे में एक से अधिक शादी का पंडाल दिखने को मिल जाएगा। वहीं ग्रामीण इलाके की बात करें तो करीब-करीब प्रत्येक गांव में शादी की लोकगीत और धुन सुनाई दे रही है। वहीं कई जगहों पर कुटंम्ब की सेवा के लिए विशेष खान-पान की व्यवस्था तथा आकर्षक पंडाल का निर्माण किया गया है।

लगन की अधिकता के कारण टेंट हाउस से लेकर होटल व्यवसायियों की चांदी कट रही है। जहां लोग महीनों पहले एडवांस में सट्टा कटवाकर रखे हैं। इसी प्रकार रंगविरंगी विद्युत लाइट, तासा, बैंड बाजा, डीजे साउंड आदि भी महीनों पहले बुकिग हो चुकी है। ग्राहकों के अधिक पहुंचने के कारण इस लगन में इनका भी गाढ़ी कमाई हो रही है।


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