दादा-दादी नाना-नानी घर की होते हैं नींव
हजारीबाग दादा-दादी नाना-नानी घर की नींव होते हैं। उन्हें तिरस्कार नहीं वरन प्यार व अ
हजारीबाग : दादा-दादी नाना-नानी घर की नींव होते हैं। उन्हें तिरस्कार नहीं वरन प्यार व अपनापन देना चाहिए। ये बातें सरस्वती शिशु विद्या मंदिर , मालवीय मार्ग के प्रधानाध्यापक उमेश नारायण सिंह ने विद्यालय में आयोजित दादा-दादी व नाना-नानी सम्मान समारोह में लोगों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि पाश्चात्य विचारधारा के प्रभाव के कारण बढती भौतिकवाद व विलासिता की होड में हम अपने बुजुर्गों का सम्मान करना भूल चुके हैं। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय प्रबंधन समिति की अध्यक्षा डा. किरण राणा व प्रधानाचार्य ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर व मां भारती के चित्र पर माल्यार्पण कर किया।
कार्यक्रम में उपस्थित विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति की अध्यक्ष डा.किरण राणा ने कहा कि आज के व्यस्त दिनचर्या में दादा-दादी व नाना-नानी ही बच्चों को अच्छे संस्कार देने का काम कर सकते हैं। उन्हें परिवार में उचित सम्मान व प्यार मिलना चाहिए, जिसके वे हकदार हैं। वहीं कार्यक्रम में विद्यालय की भैया बहनों ने उपस्थित दादा-दादी व नाना-नानी के चरण पखार कर उनकी आरती उतारी व उनका आशीर्वाद लिया। साथ ही उन्हें अंग वस्त्र भेंटकर मिठाई खिलाई व पुष्पगुच्छ भेंट किया। कार्यक्रम के अंत में उप प्रधानाचार्य शैलन्द्र कुमार सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया।