मरीजों की सेवा को अपना धर्म समझें : सिविल सर्जन
हजारीबाग : डाक्टर मरीजों की सेवा को ही अपना धर्म समझें। ये बातें सिविल सर्जन सह झासा के
हजारीबाग : डाक्टर मरीजों की सेवा को ही अपना धर्म समझें। ये बातें सिविल सर्जन सह झासा के जिलाध्यक्ष डा. ललिता वर्मा ने बतौर मुख्य अतिथि डाक्टरों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि समाज में भगवान के बाद डाक्टरों का ही स्थान होता है, जो मौत के मुंह से मरीजों को बचाने का काम करता है। अत: डाक्टरों की सामाजिक प्रतिष्ठा को बढानेवाला कार्य करें। वे शनिवार की शाम में चानो रोड स्थित राजघराना पैलेस में सदर अस्पताल से सेवानिवृत्त डाक्टरों की विदाई समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थी। कार्यक्रम में जहां सेवानिवृत्त डाक्टरों को उनकी सेवा के लिए स्मृति चिह्न प्रदान किया गया। वहीं सदर अस्पताल में योगदान देनेवाले नए डाक्टरों का परिचय भी प्राप्त किया गया। वहीं मौके पर मौजूद उत्तरी छोटानागपुर की आरडीडी डा. आशा एक्का ने बतौर विशिष्ट अतिथि कहा कि डाक्टर अपने एमबीबीएस कोर्स की समाप्ति के बाद मरीजों की सेवा को प्राथमिकता देने की जो प्रतिज्ञा करते हैं, उसे सही मायने में अपने आचरण में उतारने का प्रयत्न करें। इसके उपरांत मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि के हाथों सदर अस्पताल से सेवानिवृत्त होनेवाले चिकित्सक - डा. रूबी लकडा, डा. ओ पी रवानी, डा. बी पी सिन्हा व डा. एस पी गुप्ता को स्मृति चिह्न प्रदान किया गया।कार्यक्रम का आयोजन झासा हजारीबाग के चिकित्सकों के द्वारा किया गया था। कार्यक्रम का संचालन जिला स्वास्थ्य विभाग के एसीएमओ डॉ मेजर पी के सिन्हा, डॉ प्रवीणनाथ, उपाधीक्षक डॉ विजय शंकर, झासा के सचिव डॉ मानितोष चौधरी व डॉ मुकेश कुमार मेहता के द्वारा किया गया।कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉक्टर हीरा लाल साहा, डॉ सिद्धनाथ, डॉ ए के ¨सह, डॉ बी नारायण, डॉ सुदीप्त वेदराजन, डॉ गोपाल दास, डॉ आर एस वंदना, डॉ संध्या टोपनो, डॉ वृंदा राम, डॉ अंगराज, डॉ बी एन प्रसाद ,डॉ अनुभा शंकर सहित कई डाक्टर उपस्थित थे।