दर्जा प्राप्त मंत्री का वेतन 8 हजार से बढ़कर 45 हजार, भत्तों के साथ मिलेंगे 1.11 लाख
रांची : राज्य कैबिनेट ने मंत्री और राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त जनप्रतिनिधियों को वेतन में कई गुना
रांची : राज्य कैबिनेट ने मंत्री और राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त जनप्रतिनिधियों को वेतन में कई गुना बढ़ोतरी का तोहफा दिया है। दर्जा प्राप्त मंत्री का वेतन 8 हजार से बढ़ाकर 45 हजार कर दिया गया है तो दर्जा राज्यमंत्री का वेतन 8 से बढ़ाकर 40 हजार रुपये प्रति माह कर दिया गया है। अन्य भत्ते भी इसी प्रकार बढ़े हैं और जहां दर्जा प्राप्त मंत्री को पूर्व में 41,600 रुपये प्रतिमाह मिल रहे थे वहीं इन्हें 1.11 लाख रुपये मिलेगा। इसी प्रकार दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री का वेतन 39,600 से बढ़कर 96,000 रुपये प्रतिमाह हो गया है। दर्जा प्राप्त मंत्री और राज्यमंत्री का वेतन 2012 से नहीं बढ़ा था जबकि मंत्रियों का वेतन 2017 में बढ़ा। इसी आधार पर कैबिनेट ने इनका वेतन भी बढ़ाया है। दूसरी ओर, लोक उपक्रमों और प्राधिकार के मनोनीत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सदस्यों का वेतन भी तय कर दिया है। अब सभी के लिए एक जैसा नियम होगा। मंत्री/राज्यमंत्री
शीर्ष मंत्री राज्यमंत्री
वेतन 45000 (8000) 45000 (8000)
क्षेत्रीय भत्ता 5000 (2000) 4000 (2000)
सत्कार भत्ता 20000 (10000) 18000 (8000)
चिकित्सा भत्ता 5000 (2000) 4000 (2000)
दैनिक भत्ता 800 (500) 600 (500)
आवास भत्ता 12000 (4000) 12000 (4000)
कुल 1,11,000 (41600) 96000 (39600)
नोट : राशि रुपये में और ब्रैकेट में पूर्व में प्राप्त राशि। आवास नहीं मिलने पर ही आवास भत्ता मिलेगा।
पद निर्धारित वेतन
बोर्ड के अध्यक्ष : 75000
उपाध्यक्ष : 50000
सदस्य : 25000
एक साथ 1000 तालाबों का होगा जीर्णोद्धार
कैबिनेट की बैठक में सरकार ने 24 मई को जल संग्रहण दिवस मनाने का निर्णय लिया है और इस तिथि को एक साथ 1000 तालाबों का जीर्णोद्धार शुरू किया जाएगा। सरकार ने पूर्व में 2000 तालाबों के जीर्णोद्धार की योजना बनाई थी। वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए बंजर भूमि/राइस फेलो विकास योजना के तहत सभी जिलों में विशेष सिंचाई सुविधा मुहैया कराने का कार्यक्रम तय किया गया है। इसके तहत पांच एकड़ से कम जल क्षेत्र वाले निजी व सरकारी तालाबों का जीर्णोद्धार होना है जिसका सार्वजनिक उपभोग होता है। जीर्णोद्धार/गहरीकरण के लिए पहले से ही 300 करोड़ रुपये की योजना चालू है। इस योजना के तहत विधायक द्वारा तालाब की अनुशंसा प्राप्त करनी है। कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि 22 मई तक ही विधायकों से अनुशंसा प्राप्त की जाएगी और इसके बाद उपायुक्त स्वयं 25 मई तक ग्रामसभा से चयनित योजनाओं का क्रियान्वयन कराएंगे। सरकार ने पूर्व में निर्देश दिया था कि 75 फीसद तालाबों का चयन विधायकों की अनुशंसा पर करना है और शेष 25 प्रतिशत उपायुक्त अपने स्तर से करेंगे।
कैबिनेट ने इसके साथ-साथ कुल 11 प्रस्तावों को सहमति प्रदान कर दी है। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी कैबिनेट सचिव एसकेजी रहाटे और कृषि सचिव पूजा सिंघल ने संयुक्त रूप से दी। राज्य में अपुनरीक्षित वेतनमान पा रहे कर्मियों को एक जनवरी 2018 के प्रभाव से महंगाई भत्ता बढ़कर मिलेगा। पूर्व में प्राप्त 139 फीसद की जगह 142 फीसद कर दिया गया है। इसी श्रेणी के पेंशन भोगियों को भी अब 3 फीसद महंगाई भत्ता बढ़कर मिलेगा।
बाहर पढ़ रहे छात्रों को मिलेगा वजीफा
राज्य में कोर्स विशेष की पढ़ाई की सुविधा होने के बावजूद दूसरे राज्यों में पढ़ाई कर रहे एससी, एसटी एवं ओबीसी छात्रों का वजीफा अब नहीं रुकेगा। यह फैसला समूह तीन और चार के छात्रों के लिए प्रभावी होगा। कैबिनेट ने पिछले दिनों लिए गए फैसले में मामूली संशोधन कर उन बच्चों को राहत देने का फैसला लिया है जिन्हें पहले से छात्रवृत्ति मिल रही थी। ऐसे छात्रों की पढ़ाई बाधित होने का अनुमान लगाया जा रहा था जिसके बाद जनप्रतिनिधियों की मांग पर इसमें आंशिक संशोधन किया गया है।
अन्य महत्वपूर्ण फैसले
- राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान, राची अन्तर्गत राजकीय पारामेडिकल संस्थान हेतु विभिन्न स्तर के कुल 31 पदों के सृजन की स्वीकृति।
- राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान, राची में सुपर स्पेशियलिटी विंग के तहत कार्डियोथोरेसिक सर्जरी एवं अन्य विभागों को शुरू करने हेतु विभिन्न स्तर के 157 पद के सृजन की स्वीकृति दी गई।
- गेल (इंडिया) लिमिटेड भरत सरकार के उपक्रम (महारत्न कंपनी के क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना के लिए राची जिला के नगड़ी अंचल की कुल 4.05 एकड़ भूमि देने का निर्णय। कुल 15,86,80,904 रुपये की अदायगी पर स्थायी हस्तातरण की मंजूरी।
- सरायकेला-खरसावां जिला के राजनगर अंचल में 5.92 एकड़ भूमि 46,11,150 रुपये के एवज में रूंगटा माइंस को देने का निर्णय। 30 वर्षो के लिए लीज बंदोबस्ती करने की स्वीकृति दी गई। साथ ही गोचर भूमि की प्रतिपूर्ती के लिए रूंगटा माइंस के स्वामित्व की 3 एकड़ भूमि को गोचर भूमि के रूप में अधिसूचित करने की स्वीकृति।